धरती ने आपको याद किया: सुनीता विलियम्स की वापसी पर PM मोदी का भावुक स्वागत
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9 महीने का लंबा इंतजार खत्म हुआ, सुनीता विलियम्स निक हेग, बुच विल्मोर और अलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ सुरक्षित धरती पर लौट आईं। ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए सभी को वापस लाया गया।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने और 13 दिन यानि 286 दिन बाद धरती पर वापस लौटे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को बधाई दी और उनका स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट किया, क्रू9 का स्वागत है! धरती को आपकी याद आई! यह उनके धैर्य, साहस और असीम मानवीय भावना की परीक्षा रही है।

मोदी ने आगे कहा कि सुनीता विलियम्स और क्रू9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर दिखाया है कि दृढ़ता का असली मतलब क्या होता है। अज्ञात के सामने उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अन्वेषण का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना, सपने देखने की हिम्मत करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना। सुनीता विलियम्स ने अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है।

पीएम मोदी ने उन सभी लोगों को गर्व महसूस कराया जिन्होंने सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने कहा कि यह दिखाया गया है कि जब सटीकता जुनून से मिलती है और तकनीक दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है ।

सुनीता विलियम्स ने 5 जून 2024 को नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी।

उनका मिशन केवल आठ दिन का था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण स्टारलाइनर को वापस धरती पर लाने का फैसला बदलना पड़ा और विलियम्स को ISS पर ही रहना पड़ा।

इस दौरान वे एक्सपीडिशन 71/72 अभियान का हिस्सा बनीं और वैज्ञानिक शोध में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नासा के अनुसार, उन्होंने 4500 से ज़्यादा क्लास पूरी कीं और अंतरिक्ष में 121 मिलियन मील से ज़्यादा की दूरी भी तय की।

सुनीता विलियम्स ने कुल 50 घंटे और 40 मिनट तक स्पेसवॉक किया, जो महिला अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नया रिकॉर्ड था।

उन्होंने ISS पर बायोमेडिकल रिसर्च, पर्यावरण अध्ययन और तकनीकी परीक्षण जैसे कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया।

सुनीता विलियम्स पहले भी कई महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा रही हैं। 2006 में वह एसटीएस-116 अभियान के तहत आईएसएस पहुंची थीं और चार स्पेसवॉक करके 29 घंटे 17 मिनट का रिकॉर्ड बनाया था। 2012 में भी वह एक मिशन के तहत 127 दिनों तक आईएसएस पर रहीं।

नासा ने सुनीता विलियम्स के लिए 45 दिनों का पोस्ट-मिशन रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम तैयार किया है। इस दौरान उनका शरीर धीरे-धीरे धरती के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती पर असर पड़ता है, इसलिए उनके ठीक होने की प्रक्रिया पर खास ध्यान दिया जाएगा।

उनकी उपलब्धि भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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