राहुल गांधी को चुनाव आयोग की दो टूक: आरोप साबित करो या माफी मांगो!
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिना नाम लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को फर्जी कहना गलत है और इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर अगले सात दिनों के भीतर आरोप के समर्थन में हलफनामा पेश नहीं किया गया, तो राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार माने जाएंगे। आयोग ने साफ शब्दों में कहा कि आरोप लगाने वाले में उसे सिद्ध करने की हिम्मत भी होनी चाहिए।

चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि या तो राहुल गांधी हलफनामा देकर अपने आरोपों को साबित करें, अन्यथा पूरे देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग और मतदाता सूची पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि राहुल गांधी के पास अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत है, तो उन्हें सात दिनों के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) दाखिल करना होगा। ऐसा न करने पर, यह माना जाएगा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है और उन्हें देश से माफी मांगनी होगी।

विपक्ष द्वारा लगाए गए वोट चोरी और एक पार्टी से मिलीभगत के आरोपों पर CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है, न कोई विपक्ष। सभी राजनीतिक दल उनके लिए समान हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर समय रहते त्रुटि सुधार के लिए आवेदन नहीं होता और बाद में वोट चोरी जैसे शब्दों से जनता को गुमराह किया जाता है, तो यह लोकतंत्र का अपमान है।

वोट चोरी के आरोप के संबंध में हलफनामा मांगने के सवाल पर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अगर किसी मतदाता की ओर से शिकायत आती है तो चुनाव आयोग उसकी जांच करता है। लेकिन अगर आरोप डेढ़ लाख मतदाताओं का है, तो क्या बिना किसी सबूत या हलफनामे के डेढ़ लाख मतदाताओं को नोटिस भेज देना चाहिए? उन्होंने सवाल किया कि क्या मतदाता सबूत नहीं मांगेंगे?

आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना सबूत के वैध मतदाताओं के नाम नहीं काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई सोचता है कि गलत तथ्यों के साथ पीपीटी देकर चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा, तो ऐसे गंभीर मामले में हलफनामे के बिना वह कार्रवाई नहीं कर सकता, क्योंकि यह कानून और संविधान के खिलाफ होगा।

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह ऐसे आरोपों से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ मतदाताओं ने भी वोट चोरी के आरोप लगाए, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

CEC ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनाव आयोग गरीब-अमीर, महिला-पुरुष, युवा-बुजुर्ग और सभी वर्गों-धर्मों के साथ मजबूती से खड़ा है, और हमेशा खड़ा रहेगा।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 7 अगस्त को चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि वोट चोरी हो रहे हैं और आयोग भाजपा के लिए इसमें शामिल है। 17 अगस्त को बिहार में वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने वोट चोरी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो चुनाव आयोग ने उनसे एफिडेविट मांगा, जबकि बीजेपी के लोगों से कोई एफिडेविट नहीं मांगा गया।

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