नागपुर, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर के महल इलाके में सोमवार शाम दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। दो समूहों के आमने-सामने आने से तनाव इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी शुरू हो गई।
इस झड़प में दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने 100 से अधिक आंसू गैस के गोले दागे।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने गांधीगेट पर छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर आंदोलन किया था। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया, जिस पर आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस द्वारा बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ने का वीडियो वायरल होने के बाद, एक विशेष समुदाय के लोग बड़ी संख्या में चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने कुछ लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया।
इसके बाद, कुछ युवा अग्रसेन चौक के रास्ते चिटणीस पार्क पहुंचे। पुलिस ने यहां लोगों को जमा होते देख बैरिकेडिंग कर दी।
पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस पर पथराव किया गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। महल परिसर में पथराव की जानकारी मिलते ही हिंदू समाज के लोग भी महल और अन्य रास्तों से गांधीगेट पहुंचने लगे। पुलिस ने दोनों तरफ के लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन फिर से पथराव शुरू हो गया। घरों और वाहनों पर पत्थर फेंके गए और दर्जनों वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया।
दोनों ओर से लगातार पत्थरबाजी होने के कारण दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए भेजा गया। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और 100 से ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे। दंगे में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। वाहनों में लगी आग बुझाने पहुंचे अग्निशमन दल के कर्मचारी भी पथराव में जख्मी हुए हैं।
शाम को दोबारा तनाव होने की आशंका पहले से ही थी, इसलिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और सभी थानों के कर्मचारियों को रिजर्व रहने का आदेश दिया गया था।
गांधीगेट और आस-पास के परिसर में रहने वाले मुस्लिम युवाओं ने बताया कि वे दोपहर को ही शिकायत दर्ज करवाने के बाद अपने घरों में लौट गए थे। शाम को भीड़ कहां से आई, यह किसी को पता नहीं चला। बताया जाता है कि मोमिनपुरा से अग्रसेन चौक होते हुए सैकड़ों की तादाद में लोग महल में दाखिल हुए, जिससे पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल दिखाई देता है। इतनी संख्या में लोगों के जमा होने से तनाव बढ़ा। देर रात तक पुलिस इलाके में डटी रही और सभी थानों से पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो समूहों के बीच विवाद के बाद तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। गडकरी ने नागरिकों से शांत रहने और स्थिति से निपटने में प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने जोर दिया कि नागपुर पूरे देश में अपनी शांति और सद्भाव के लिए प्रसिद्ध है और यहां जाति, पंथ या धर्म को लेकर कोई विवाद नहीं होता।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी नागपुर के नागरिकों से शांति बनाए रखने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में है और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करने की अपील की है। फडणवीस ने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है और एक-दूसरे के सुख-दुख को साझा करता है, यह नागपुर की स्थायी परंपरा रही है।
*#WATCH | Nagpur (Maharashtra) violence: A JCB machine set ablaze during violence in Mahal area of Nagpur. Tensions have broken out here following a dispute between two groups.
— ANI (@ANI) March 17, 2025
Police personnel and Fire Brigade officials are present at the spot. pic.twitter.com/JHrxAMIbCm
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