छत्तीसगढ़ के दो शहर खंडहर में तब्दील होने की कगार पर, BMS नेता भूख हड़ताल पर बैठे
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सूरजपुर जिले के भटगांव क्षेत्र की भूमिगत कोयला खदानों पर संकट मंडरा रहा है। एसईसीएल भटगांव क्षेत्र की लगभग 40 साल पुरानी भूमिगत कोयला खदान को पर्यावरणीय स्वीकृति (CTO) के अभाव में 31 अक्टूबर से बंद करने की तैयारी में है।

इस फैसले के विरोध में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के नेता और श्रमिक संगठन के सदस्य कोयला खदान के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि इस कोयला खदान के बंद होने से दो शहर बर्बाद हो जाएंगे और लोगों को विस्थापन की समस्या झेलनी पड़ेगी।

नेताओं के अनुसार, यदि CTO का नवीनीकरण जल्द नहीं हुआ, तो 800 से अधिक नियमित कर्मचारियों को दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतरित होना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, 300 से ज्यादा ठेका श्रमिकों का रोजगार पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

इस खदान के बंद होने का सीधा असर आसपास की नगर पंचायत जरही और भटगांव की हजारों की आबादी पर पड़ेगा, जो रोजगार और आजीविका खोने के साथ-साथ विस्थापन की समस्या से भी जूझेंगे। यह पूरा मामला एसईसीएल भटगांव के एक-दो भूमिगत कोयला खदानों से जुड़ा है।


वहीं, कुछ सप्ताह पहले एमसीबी जिले के चिरमिरी शहर में खुले में मांस और मछली की बिक्री को लेकर विवाद बढ़ गया था। श्री बजरंग सेना महिला विंग ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए नगर पालिका निगम के कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।

संगठन की प्रदेश अध्यक्ष भारती सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों महिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सड़कों के किनारे खुले में मांस और मछली की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करवाई जाए और इसे एक व्यवस्थित और निर्धारित स्थान पर संचालित किया जाए।

भारती सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक महीने के भीतर निगम प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया, तो संगठन उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगा।

उन्होंने कहा कि खुले में मांस और मछली की बिक्री से राहगीरों, छात्रों, पुजारियों और शाकाहारी लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जिसकी शिकायतें लगातार मिल रही हैं, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के कई हिस्सों में सड़क किनारे खुले में मांस और मछली की बिक्री हो रही है। यह स्वच्छता के लिए एक चुनौती होने के साथ-साथ धार्मिक आस्थाओं को भी प्रभावित कर रहा है। श्री बजरंग सेना का कहना है कि नगर निगम प्रशासन को जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए, अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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