मोहम्मद यूनुस का कट्टरपंथी प्लान: महिषासुर के सहारे हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश!
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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा खत्म होने के बाद भी महिषासुर को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दुर्गा पूजा पंडालों में महिषासुर की मूर्ति को लेकर कट्टरपंथी यूनुस सरकार घबराई हुई है.

दरअसल, बांग्लादेश के कुछ दुर्गा पूजा पंडालों में महिषासुर की मूर्ति में दाढ़ी होने की वजह से यूनुस सरकार नाराज है. सरकार ने इन पूजा पंडालों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने 793 पूजा पंडालों के खिलाफ जांच करने को कहा है. कुछ लोगों की पहचान भी की गई है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. जहांगीर आलम चौधरी ने आरोप लगाया कि दाढ़ी वाले महिषासुर की वजह से बांग्लादेश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई.

जांच के आदेश देने से पहले पूजा के दौरान भी कट्टरपंथियों ने कई जगह हंगामा किया. कुश्तिया जिले में महिषासुर की दाढ़ी वाली तस्वीरें होने पर सरकार और एक कट्टरपंथी संगठन से जुड़े लोगों ने 38 पूजा पंडालों को महिषासुर की मूर्ति से दाढ़ी हटाने के लिए मजबूर कर दिया. जहां दाढ़ी हटाई नहीं गई, वहां उसे कपड़े से ढक दिया गया. दुर्गा पूजा कमेटी से जुड़े लोगों का कहना था कि दाढ़ी किसी एक ही धर्म में नहीं रखी जाती है, इसलिए दाढ़ी पर आपत्ति का कोई कारण नहीं है.

आरोप है कि बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार जांच का बहाना बनाकर हिंदुओं को परेशान करने का तरीक़ा ढूंढ़ रहे हैं. जहांगीर आलम चौधरी के बगल में गृह मंत्रालय के सचिव नसीमुल गनी बैठे हुए थे. नसीमुल गनी पहले आतंकी संगठन हिज़्ब उत तहरीर बांग्लादेश के संस्थापकों में से एक थे.

इस बार बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा की खबर तो नहीं आई, लेकिन सरकार ने विसर्जन का समय शाम 7 बजे तक सीमित कर दिया. पूजा शुरू होने से पहले ही गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के बयान ने दुर्गा पूजा को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने कहा था कि दुर्गा पूजा मेलों में गांजा और शराब का अड्डा लगता है, इसलिए बड़े मेले नहीं लगेंगे.

बांग्लादेश में लगभग 33 हजार पूजा पंडाल लगते हैं. सरकार के इन फैसलों से दुर्गा पूजा को लेकर बांग्लादेश के लगभग सवा करोड़ हिंदुओं का उत्साह फीका पड़ गया है. अब पूजा पंडालों के खिलाफ जांच का आदेश देकर सरकार ने उन्हें परेशान करने का नया तरीका ढूंढ़ लिया है.

मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद से ही हिंदुओं पर हमले जारी हैं. पिछले एक साल के दौरान हिंदुओं के खिलाफ 2 हजार से ज्यादा हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया गया है. जब मोहम्मद यूनुस से इस हिंसा के बारे में पूछा जाता है तो वो इसे फेक न्यूज़ बताते हैं. अब वही यूनुस सरकार महिषासुर को लेकर एक फेक नैरेटिव के सहारे हिंदू विरोधी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है.

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