पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने फिर उड़वाई अपनी खिल्ली, भारत की एकजुटता पर बोला सफेद झूठ
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर विवादित बयान देकर अपनी खिल्ली उड़वाई है. उन्होंने दावा किया है कि मुगल शासक औरंगजेब के शासन के अलावा भारत कभी एकजुट नहीं रहा. यह दावा पूरी तरह से निराधार और ऐतिहासिक तथ्यों से परे है.

ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में भारत से जंग की संभावना को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, मैं तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, लेकिन युद्ध का जोखिम वास्तविक है और मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. अगर युद्ध की नौबत आई तो इंशाअल्लाह हम पहले से बेहतर नतीजे हासिल करेंगे.

कुछ दिनों पहले, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा और देश की अखंडता को कायम रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. भारतीय सेना प्रमुख ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर वह दुनिया के नक्शे पर बने रहना चाहता है तो आतंकवाद को समर्थन देना बंद कर दे.

ख्वाजा आसिफ ने समा टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत कभी भी एक रियासत नहीं रहा, सिवाय औरंगजेब के समय के कुछ संक्षिप्त अवधि के. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में कभी 540 रियासतें थीं, लेकिन पाकिस्तान अल्लाह के नाम पर बना है और एक विचारधारा पर आधारित है.

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री चाहे कुछ भी कहें, इतिहास साक्षी है कि अंग्रेजों से आजादी के बाद से भारत एक स्थिर और एकजुट लोकतंत्र रहा है, जबकि पाकिस्तान ने इस दौरान कई आंतरिक संघर्ष और सैन्य तख्तापलट देखे हैं.

322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक मौर्य काल में अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप एक राज्य के रूप में एकीकृत था. यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक था. बाद में, गुप्त वंश के दौरान समुद्रगुप्त और पुष्यभूति वंश के हर्षवर्द्धन ने भी प्राचीन भारत के बड़े हिस्से को राजनीतिक रूप से एकजुट किया था.

औरंगजेब, जिनका उल्लेख पाकिस्तानी मंत्री ने किया, ने अपने शासनकाल में क्षेत्रीय विस्तार के मामले में अपने साम्राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप तक किया, लेकिन उसका शासनकाल अंतहीन युद्धों और विद्रोहों से भरा रहा. औरंगजेब की तुलना में अकबर का शासन अधिक एकजुट और स्थिर था.

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