मैथिली ठाकुर के परिवार ने क्यों छोड़ा बिहार? पिता ने सुनाई पलायन की दर्दनाक कहानी
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मैथिली ठाकुर की 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में संभावित राजनीतिक एंट्री की चर्चा जोरों पर है। इस बीच, उनके परिवार के बिहार छोड़ने की पुरानी कहानी फिर से सामने आ गई है।

मैथिली के पिता, रमेश ठाकुर, ने मीडिया को बताया कि किन परिस्थितियों के कारण उन्हें अपना गांव छोड़ना पड़ा। यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि उस समय के बिहार की सच्चाई है, जब खराब कानून व्यवस्था और रोजगार की कमी के कारण कई परिवारों को राज्य से पलायन करना पड़ा था।

मैथिली ठाकुर का परिवार मधुबनी जिले के उड़ेन गांव का रहने वाला है। रमेश ठाकुर ने बताया कि 1990 के दशक में, बिहार में जंगलराज के दौरान, उनके गांव और आसपास के इलाकों में अपराध चरम पर था। अपहरण, लूटपाट और जबरन वसूली जैसी घटनाएं आम थीं।

हमें लगा कि बच्चों को गांव में पढ़ाना-लिखाना या उन्हें सुरक्षित रख पाना मुश्किल है। हर तरफ अराजकता थी और कोई सुनने वाला नहीं था, रमेश ठाकुर ने कहा। यह उस समय की बात है जब कानून व्यवस्था इतनी खराब थी कि लोग अपने बच्चों के भविष्य और अपनी ही सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।

रमेश ठाकुर ने बताया कि उनका परिवार बिहार से पलायन करने वाले पहले लोगों में से था। उन्होंने कहा, बिहार से जब पलायन शुरू हुआ था, तब पहले बैच के पलायन करने वालों में से हम लोग हैं।

उन्होंने बिहार से अपने परिवार के पलायन का मुख्य कारण जातीय उन्माद और बिगड़ती कानून व्यवस्था को बताया। रमेश ठाकुर ने कहा, पहले तो सब ठीक था, लेकिन लालू यादव के आने से अचानक गड़बड़ हो गया था।

रमेश ठाकुर के अनुसार, उस दौरान ब्राह्मण समुदाय पर हमले बढ़ गए थे। उन्होंने कहा, लालू राज में ब्राह्मणों पर हमले हुए, खेत कटे। खेतों को जबरन काट लिया जाता था और उन पर कब्जा कर लिया जाता था, जबकि ब्राह्मण समुदाय को निशाना बनाकर उन पर हमले किए जाते थे और झूठे मुकदमों में फंसाया जाता था।

हम लोग उस समय नए-नए जवान हुए थे। हम लोगों पर ज्यादा आ रहा था, जिसकी वजह से हम वहां से भाग गए थे, रमेश ठाकुर ने उस भयावह दौर को याद करते हुए कहा।

गांव छोड़ने के बाद दिल्ली में संघर्ष करते हुए, रमेश ठाकुर ने कहा, 30 साल से बाहर हूं। हमको बस म्यूजिक ही आता था। उन्होंने अपनी संगीत कला से खुद को स्थापित किया, गाना बजाना शुरू कर दिया और लोगों को संगीत सिखाना शुरू कर दिया।

रमेश ठाकुर ने बिहार की मौजूदा स्थिति पर आशा व्यक्त करते हुए कहा कि, बिहार में जब से एनडीए की सरकार आई है, पहले से बहुत बेहतर हो गया है। अब लौटने का समय है। उन्होंने कहा कि, बिहार से जो लोग पलायन कर गए हैं, उनकी सुधि लेने वाला अब तक कोई नहीं है। उस पर थोड़ा काम हो, बिहार के लोग बिहार आएं और बिहार के लिए काम करें।

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