PoK में फिर उठी भारत से मदद की गुहार! कहा - पाकिस्तान डूबता टाइटैनिक, ये दुष्ट रहने लायक नहीं
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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालिया हिंसक प्रदर्शनों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना की कमज़ोरी उजागर कर दी है। भारी संख्या में प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के कब्जे को और बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है।

यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के जमील मकसूद ने कहा कि पाकिस्तान डूबता हुआ टाइटैनिक है और पीओके के लोग अब इस पर सवार नहीं होना चाहते। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के पीछे भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बुनियादी सेवाओं की कमी को मुख्य वजह बताया। प्रदर्शनकारियों ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।

भारत सरकार ने भी स्पष्ट संदेश दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है। यह लौटेगा... यह हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री मोदी सरकार की तरफ से यह साफ संकेत है कि PoJK की वापसी की गणना शुरू हो चुकी है। इससे पहले भारतीय सेना, वायुसेना और रक्षा मंत्री भी यही बात कह चुके हैं।

मकसूद ने कहा, यह व्यापक भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हमारे ऊपर थोपा गया है। पाकिस्तान नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों का प्रमुख बाजार बन चुका है। लोग स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और रोजगार के अवसरों से वंचित हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अब युवाओं ने आवाज उठाई है कि वे एक अखंड जम्मू-कश्मीर चाहते हैं और पाकिस्तान में विलय या स्थानीय पहचान को कम करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी। मकसूद ने पीओके में पाकिस्तानी चरमपंथ और दमन के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया और कहा कि लोग बल प्रयोग के बावजूद अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।

पिछले कई दिनों से पीओके में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 12 नागरिक शहीद हो चुके हैं, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। प्रदर्शन बढ़ते देख पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने राणा सनाउल्लाह, अहसान और पीपीपी नेता राजा परवेज अशरफ समेत 8 सदस्यीय मंत्री स्तरीय समिति को आंदोलनकारी नेताओं से बातचीत के लिए मुजफ्फराबाद भेजा है।

इस बीच, पीओके में संचार व्यवस्था ठप है। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, जिससे परिवार अपने विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से कट गए हैं।

जमील मकसूद ने कहा कि पाकिस्तान एक दुष्ट देश है, जो अपने ही लोगों के खिलाफ लगातार बल प्रयोग करता है। बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके के लोग लगातार दमन का सामना कर रहे हैं।

मकसूद ने यह भी कहा कि पीओके के लोग अब पाकिस्तान के साथ रहने को तैयार नहीं हैं और उनकी प्राथमिक इच्छा है कि सभी क्षेत्र फिर से अखंड जम्मू-कश्मीर के साथ जुड़ें। उन्होंने पाकिस्तान के चरमपंथ के लिए बलि का बकरा बनने से इनकार किया और कहा कि लोग अब अपने अधिकारों और पहचान के लिए दृढ़ हैं।

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