डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच चीन ने अप्रत्याशित रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत और ब्राजील को अधिक जिम्मेदारी देने का समर्थन किया है। रूस के साथ मिलकर चीन ने UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में भारत और ब्राजील की भूमिका बढ़ाने की आकांक्षाओं का खुलकर समर्थन किया है। यह बदलते वैश्विक परिदृश्य को दर्शाता है।
ब्रिक्स देशों ने इस संयुक्त दृष्टिकोण को रियो डी जेनेरियो घोषणा में शामिल किया, जिसका मुख्य जोर वैश्विक शासन में सुधार और दक्षिणी गोलार्ध के देशों की आवाज को मजबूत करना है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80वीं बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक आयोजित की गई। इसमें भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, क्योंकि इन देशों की बड़ी आबादी और वैश्विक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चीन ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि UNSC में अधिक समावेशिता अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
हालांकि, चीन का यह समर्थन भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाने की पूर्ण सहमति नहीं है। यह उस दिशा में उठाया गया एक कदम जरूर है। UNSC के अन्य चार सदस्य, रूस, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन पहले से ही कुछ शर्तों के साथ भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते रहे हैं। यह शर्त यह है कि भारत, ब्राजील, जापान और अफ्रीका में से कोई एक देश स्थायी सदस्य तो बन सकता है, लेकिन उसे वीटो का अधिकार नहीं होगा।
भारत का मानना है कि ब्राजील और अफ्रीकी देशों को भी UNSC में स्थायी सदस्यता के साथ वीटो का अधिकार मिलना चाहिए, अन्यथा UNSC कमजोर होता चला जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसके 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 5 स्थायी सदस्य (P5) और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हैं। स्थायी सदस्य देशों में चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं और उनके पास वीटो का अधिकार है। अस्थायी सदस्य दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। UNSC की अहम भूमिका अंतरराष्ट्रीय विवादों का समाधान करना, शांति अभियानों की निगरानी करना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों से निपटना है।
*China and Russia, as permanent members of the United Nations Security Council, reiterated their support to the aspirations of Brazil and India to play a greater role in the United Nations, including its Security Council: Brics statement
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 27, 2025
(Restating) pic.twitter.com/GEooesbvft
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