मौलाना तो जेल गया... 2000 दंगाई कहां? I LOVE मोहम्मद के नाम पर दंगे का विश्लेषण
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बरेली हिंसा के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रज़ा को पुलिस ने गिरफ्तार कर फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया है। अब तक लगभग 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, और 2000 अज्ञात पत्थरबाजों पर केस दर्ज किया गया है। हिंसा के मामले में 5 अलग-अलग थानों में 10 FIR दर्ज की गई हैं, और एसआईटी जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

पुलिस की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शन की आड़ में दंगा करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ़ कर दिया कि दंगाइयों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी ने दंगाइयों के बारे में जो कहा, उसे समझना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मौलाना भूल गया कि यूपी में शासन किसका है। यह कहकर उन्होंने साफ किया कि यूपी में दंगा करने वालों का तुष्टीकरण करने वाली सरकार नहीं है, बल्कि ऐसी सरकार है जो दंगाइयों का इलाज करती है। ऐसे में मौलाना तौकीर रज़ा की धमकी चलने वाली नहीं है।

योगी ने दूसरी बड़ी बात ये कही कि ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि 7 पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी। ये कहकर उन्होंने दंगाइयों को चेताया कि यूपी में हिंसा की तो खैर नहीं। इसका अंजाम सिर्फ दंगाई को खुद नहीं भुगतना होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों पर भी असर पड़ेगा।

तीसरी बात उन्होंने कही कि बुरी आदत नहीं जाती है तो डेंटिंग-पेंटिंग कराई जाती है। डेंटिंग-पेटिंग का मतलब है मरम्मत से, यानी हिंसा करने वालों की मरम्मत की जाएगी, उनका पूरा इलाज किया जाएगा।

चौथी बड़ी बात उन्होंने कही कि जो जिस भाषा में समझता है, उसे उसी भाषा में समझाएंगे। यानी पुलिस पर गोली चलाने वालों और पुलिस पर पत्थर फेंकने वालों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर वो लाठी-डंडे की भाषा समझते हैं तो उन्हें उसी भाषा में समझाया जाएगा।

पिछले 15 दिनों से यूपी में प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाने का काम किया जा रहा था। कानपुर की एक घटना का हवाला देकर सड़कों पर उपद्रव किया जा रहा था, सड़कों और गलियों को अराजकता का अड्डा बना दिया गया था।

कानपुर प्रशासन की तरफ से बार-बार सफाई दी गई कि आई लव मोहम्मद लिखने की वजह से किसी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग शहर-शहर लोगों को भड़काने के मिशन में लगे हुए थे। बिना इजाजत जुलूस निकाले जा रहे थे, बिना अनुमति सड़कों को जाम किया जा रहा था।

मौलाना तौकीर रजा ने तो कई बार आग उगलने वाली भाषा का इस्तेमाल किया। आई लव मोहम्मद के नाम पर मौलाना तौकीर रजा ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए भड़काया, पूरे देश को जाम करने की धमकी दी। कल भी मौलाना तौकीर रजा ने प्रशासन की अनुमति के बिना लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाया।

हिंसा में तौकीर रज़ा की भूमिका साफ होने के बाद ये तय था कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और आज तौकीर रज़ा के साथ-साथ उनके प्रवक्ता को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

बरेली हिंसा के मामले में कुल 10 FIR दर्ज की गई हैं जिनमें से 7 FIR में तौक़ीर रज़ा का नाम है। बरेली में कल हुए बवाल के बाद पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। फोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है, बरेली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है।

कल की हिंसा के बाद बरेली में 4500 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। 8 जिलों की पुलिस फिलहाल बरेली में है। 800 महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए PAC की 2 कंपनी हैं जबकि रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनी। बरेली में 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

अब SIT की टीम हिंसा के एक-एक गुनहगार का पता लगाने के लिए अपनी जांच शुरू कर चुकी है। पुलिस के कड़े सुरक्षा इंतज़ामों के बीच कल की हिंसा में शामिल लोग गायब हैं। सब कह रहे हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं है।

कल लगभग 2 हजार लोगों की भीड़ ने बरेली में हिंसा फैलाने की कोशिश की, आज उन 2 हजार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। उनके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर फर्रुखाबाद की जेल भेज दिया गया, लेकिन हैरानी की बात है कि इलाके में मौजूद हर व्यक्ति कह रहा है कि मैं घटना के समय वहां नहीं था या मुझे कुछ मालूम नहीं है।

बरेली के अलावा आज वाराणसी में भी आई लव मोहम्मद प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में 8 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 4 आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके थे। 5 दिन पहले बिना अनुमति जुलूस निकाला गया था।

बरेली से लेकर वाराणसी तक कार्रवाई के जरिए योगी सरकार ने साफ़ संदेश दिया है कि क़ानून तोड़ने वाले किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं हैं। योगी सरकार के दौरान पिछले 8 वर्षों में दंगाइयों और पत्थरबाजो से सख्ती से निपटा गया है। साथ ही माफिया, गैंगस्टर्स, गोतस्करों, नकल माफिया और महिला सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।

पिछले 8 साल में यूपी में हत्या, डकैती, लूट, अपहरण और रेप जैसे अपराधों के मामलों में 85 प्रतिशत की कमी आई है। यूपी सरकार के मुताबिक साल 2012 से 2017 के दौरान राज्य में जहां 815 सांप्रदायिक दंगे हुए, वहीं 2017 से यूपी में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है।

2017-2025 के बीच 15 हज़ार 140 एनकाउंटर हुए हैं जिनमें 243 अपराधी मारे गए जबकि 30 हज़ार से ज़्यादा अपराधी जेल की सलाखों में हैं। अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफिया गैंग को ध्वस्त कर दिया गया। माफिया गैंग की 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति जब्त की गई।

कुल मिलाकर यूपी में अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पूरे देश में हिट है और अब बरेली के दंगाइयों पर कार्रवाई करके योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि अराजकता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।

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