बरेली में हिंसा कैसे भड़की? डीएम अविनाश सिंह ने बताई पूरी कहानी
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बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) अविनाश सिंह ने हाल ही में हुई हिंसा और विवाद को लेकर विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्रशासन को आई लव मुहम्मद को लेकर एक प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी मिली थी।

डीएम सिंह के अनुसार, प्रशासन ने आयोजकों को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि शहर में धारा 163 लागू है और बिना अनुमति के कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता। इस संबंध में नदीम और नफीज नामक प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा गया।

नदीम कुछ दिन पहले डीएम के कैंप कार्यालय में आए थे, जहां उन्हें कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तार से समझाया गया। शुरुआत में नदीम आश्वस्त दिखे। हालांकि, बाद में मौलाना तौकीर रजा खान भी नदीम के साथ कैंप कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें भी नियम और धारा 163 के बारे में बताया गया।

डीएम सिंह ने बताया कि उन्हें अगले दिन तक सकारात्मक प्रतिक्रिया का आश्वासन दिया गया था। नदीम और नफीज ने एक हस्ताक्षरित पत्र भी दिया जिसमें उन्होंने अपनी योजना को आगे न बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन, जल्द ही एक विरोधाभासी बयान सामने आया।

क्रॉस-चेकिंग करने पर पता चला कि वे पुराने बयान पर ही कायम हैं। इसके बाद, मौलाना तौकीर रजा खान ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें हस्ताक्षरित कागज को फर्जी बताया गया और कहा गया कि वे अपनी शुरुआती योजना के अनुसार ही आगे बढ़ेंगे।

जुमे की नमाज के बाद, 80-90% लोग अपने घरों को लौट गए क्योंकि प्रशासन ने पहले ही फ्लैग मार्च निकालकर संदेश दिया था कि धारा 163 लागू है। लेकिन, कुछ लोग नमाज के बाद वहीं रुक गए और इस्लामिया इंटर कॉलेज की ओर जाने की कोशिश की।

जब उन्होंने कानून अपने हाथ में लेने और शांति भंग करने की कोशिश की, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया।

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी ने बरेली हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में गुंडा राज और माफिया राज है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इतनी ताकत दे दी गई है कि वह किसी की भी हड्डियां तोड़ सकती है और जिसे चाहे जेल में डाल सकती है। उन्होंने इस घटना की निंदा की और लाठीचार्ज को बर्बर और अन्यायपूर्ण बताया।

आजमी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस हिंदुओं और मुसलमानों को बांटना चाहती है।

मामला यह है कि बरेली में जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया और 24 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दंगाइयों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में खलल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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