इथेनॉल ब्लेंड: नया सियासी रण, किसके इशारे पर चल रही लॉबी?
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का एक दावा देश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। गडकरी ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हर जगह कुछ लॉबी और उनसे जुड़े हित सक्रिय रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चल रहे प्रोपेगंडा के पीछे भी किसी लॉबी का हाथ है।

गडकरी का इशारा E-20 ईंधन की तरफ है, जिसमें 80% पेट्रोल और 20% इथेनॉल मिलाया जाता है। अप्रैल 2025 से पूरे देश में यही ईंधन बेचा जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस ईंधन को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि इथेनॉल के इस्तेमाल का फैसला कुछ कॉर्पोरेट किरदारों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। वहीं, कुछ लोगों का आरोप है कि मिश्रित ईंधन इस्तेमाल करने से गाड़ियों का माइलेज और इंजन लाइफ कम हो रही है। एक सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जब पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जा रहा है तो तेल की कीमतों में कमी क्यों नहीं की जा रही है? गडकरी ने इन्हीं आरोपों को अपने खिलाफ प्रोपेगंडा बताया है।

सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से देश के विदेशी मुद्रा भंडार को 1 लाख 44 हजार 87 करोड़ रुपए की बचत हुई है। अकेले वर्ष 2025 में यह आंकड़ा 43 हजार करोड़ रुपए है। सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2025 में इथेनॉल के निर्माण से देश के किसानों को 40 हजार करोड़ रुपए का पेमेंट किया जाएगा।

दावा यह भी है कि इथेनॉल बनाने के लिए मक्का के 30 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है और पर्यावरण में सुधार हुआ है।

पिछले महीने नितिन गडकरी ने यह भी ऐलान किया था कि पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण करने के बाद अब डीज़ल में भी बायो-फ्यूल मिलाए जाएंगे। शुरुआत में यह मिश्रण 5 से 10 प्रतिशत तक होगा।

कयास लगाए जा रहे हैं कि मिश्रण की वजह से भारत ने तेल की खरीद कम की है, जिससे तेल से जुड़ी लॉबी परेशान है। इसी कारण भारत की तेल में मिश्रण करने वाली नीति को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के जरिए प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री को जनहित याचिका के ज़रिए चुनौती दी गई थी, लेकिन चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है।

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