9/11 को गजवा-ए-लीडर पर स्ट्राइक! खतरनाक प्लान नाकाम, पाकिस्तान से फंडिंग, 5 आतंकी गिरफ्तार
News Image

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली, रांची, ठाणे, बेंगलुरु, निज़ामाबाद और राजगढ़ में एक साथ छापेमारी कर 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी में हथियार और आईईडी बनाने का सामान बरामद हुआ है। 6 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

गिरफ्तार किए गए 5 आतंकियों का प्लान बेहद खतरनाक था। ये संदिग्ध भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। इनका मकसद सिर्फ हिंसा और दहशत फैलाना नहीं था, बल्कि भारत में खिलाफत वाला राज लाना था। इसके लिए बाकायदा ये आतंकी एक कंपनी की तरह संगठित तरीके से काम कर रहे थे।

23 साल का अश्हर दानिश इस नेटवर्क का CEO था। वो खुद को गजवा-ए-लीडर कहता था। दानिश सीधे पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था। आतंकी कंपनी से जुड़े हर मेंबर को दानिश काम सौंपता था।

20 साल का हुज़ैफ यामन इस टेरर कंपनी का डिप्टी हेड और ऑपरेशनल चीफ था। यामन आतंकियों के लिए हथियारों का मैनेजमेंट करता था।

26 साल का कमरान कुरैशी टेरर कंपनी का चीफ फाइनेंस ऑफिसर था। वो टेरर कंपनी के लिए फंडिंग का काम देखता था। कामरान जमीन खरीदकर टेरर कंपनी का हेडक्वॉर्टर बनाने की तैयारी में था।

25 साल का आफ़ताब कुरैशी टेरर कंपनी का एचआर हेड था। इसका काम था टेरर कंपनी में नए आतंकियों की भर्ती। इसके लिए आफताब भड़काऊ वीडियो दिखाकर युवाओं का ब्रेनवॉश करता था।

20 साल का सुफियान अबु बकर खान सबसे कम पढ़ा लिखा था। इसलिए उसे टेरर कंपनी में छोटे-छोटे काम के लिए रखा गया था।

गजवा-ए-लीडर ने खिलाफत के लिए बाकायदा टेरर कंपनी बनाई थी। टेरर कंपनी के हर आतंकी का कामकाज बंटा था। गजवा-ए-लीडर यानी टेरर कंपनी के CEO अश्हर दानिश ने युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसका नाम प्रोजेक्ट मुस्तफा था।

सोशल मीडिया पर प्रोजेक्ट मुस्तफा का एक ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में टारगेट यानी उन युवाओं को जोड़ा जाता था जिनका ब्रेनवॉश करना होता था। ग्रुप में भड़काऊ कंटेंट शेयर किया जाता था।

ये भड़काऊ वीडियो गजवा-ए-लीडर को पाकिस्तान से मिलता था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आतंक के प्रोजेक्ट मुस्तफा से 40 लोग जुड़े हुए थे। एजेंसियों के मुताबिक ये नेटवर्क पूरे भारत में फैला था।

जांच में खुलासा हुआ है कि टेरर कंपनी भारत में खिलाफत यानी खलीफा का राज कायम करने की साजिश रच रही थी। खिलाफत में शासन शरिया कानून पर आधारित होता है। खिलाफत में इस्लामिक रीति-रिवाज का पालन जरूरी होता है। इस राज में गैर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है। उन्हें जजिया कर देना पड़ता है। खिलाफत वाले मॉडल में महिलाओं के लिए पर्दा अनिवार्य होता है।

अश्हर दानिश की टेरर कंपनी अपना हेडक्वार्टर बनाने के लिए जमीन खरीदने की तैयारी में थी। यहां खिलाफत वाली साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भटके हुए नौजवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जानी थी।

फिलहाल जांच हो रही है कि इनके नेटवर्क में और कितने संदिग्ध शामिल थे, पाकिस्तान के किस कट्टरपंथी ग्रुप से इनका कनेक्शन था और इन्हें कहां-कहां से फंडिंग मिल रही थी।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

भारत-पाक मैच से पहले अफरीदी का ज़हर: पैदा होने से साबित कर रहे हिंदुस्तानी हैं

Story 1

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन: भारत की सबसे लंबी सुरंग समय से पहले तैयार, हिमालय में TBM तकनीक का कमाल!

Story 1

मंगल ग्रह पर जीवन की आस: NASA रोवर को मिलीं सूखी नदी और चट्टानें!

Story 1

सूर्या के फैसले पर सवाल: क्या पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा होता?

Story 1

राजस्थान को रेल मंत्री का तोहफा: दो वंदे भारत और एक ओवरनाइट एक्सप्रेस ट्रेन!

Story 1

तेजस्वी की विधानसभा में तेज प्रताप की सक्रियता: क्या चुनाव से पहले संकेत दे रहे हैं बदलाव?

Story 1

बुमराह की मिसाइल यॉर्कर! UAE बल्लेबाज का उड़ा स्टंप, वीडियो वायरल

Story 1

एशिया कप से पहले पाकिस्तान को झटका, भारत से मुकाबले से पहले कप्तान ने छोड़ा ट्रेनिंग सेशन

Story 1

वायरल वीडियो: बारिश में मां मुर्गी ने ऐसे बचाए अपने चूजे, देख भावुक हुए लोग

Story 1

क्या आपके बच्चे भी नहीं खाते घर का खाना? ये स्वादिष्ट विकल्प आजमाएं!