दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली, रांची, ठाणे, बेंगलुरु, निज़ामाबाद और राजगढ़ में एक साथ छापेमारी कर 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी में हथियार और आईईडी बनाने का सामान बरामद हुआ है। 6 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए 5 आतंकियों का प्लान बेहद खतरनाक था। ये संदिग्ध भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। इनका मकसद सिर्फ हिंसा और दहशत फैलाना नहीं था, बल्कि भारत में खिलाफत वाला राज लाना था। इसके लिए बाकायदा ये आतंकी एक कंपनी की तरह संगठित तरीके से काम कर रहे थे।
23 साल का अश्हर दानिश इस नेटवर्क का CEO था। वो खुद को गजवा-ए-लीडर कहता था। दानिश सीधे पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था। आतंकी कंपनी से जुड़े हर मेंबर को दानिश काम सौंपता था।
20 साल का हुज़ैफ यामन इस टेरर कंपनी का डिप्टी हेड और ऑपरेशनल चीफ था। यामन आतंकियों के लिए हथियारों का मैनेजमेंट करता था।
26 साल का कमरान कुरैशी टेरर कंपनी का चीफ फाइनेंस ऑफिसर था। वो टेरर कंपनी के लिए फंडिंग का काम देखता था। कामरान जमीन खरीदकर टेरर कंपनी का हेडक्वॉर्टर बनाने की तैयारी में था।
25 साल का आफ़ताब कुरैशी टेरर कंपनी का एचआर हेड था। इसका काम था टेरर कंपनी में नए आतंकियों की भर्ती। इसके लिए आफताब भड़काऊ वीडियो दिखाकर युवाओं का ब्रेनवॉश करता था।
20 साल का सुफियान अबु बकर खान सबसे कम पढ़ा लिखा था। इसलिए उसे टेरर कंपनी में छोटे-छोटे काम के लिए रखा गया था।
गजवा-ए-लीडर ने खिलाफत के लिए बाकायदा टेरर कंपनी बनाई थी। टेरर कंपनी के हर आतंकी का कामकाज बंटा था। गजवा-ए-लीडर यानी टेरर कंपनी के CEO अश्हर दानिश ने युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसका नाम प्रोजेक्ट मुस्तफा था।
सोशल मीडिया पर प्रोजेक्ट मुस्तफा का एक ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में टारगेट यानी उन युवाओं को जोड़ा जाता था जिनका ब्रेनवॉश करना होता था। ग्रुप में भड़काऊ कंटेंट शेयर किया जाता था।
ये भड़काऊ वीडियो गजवा-ए-लीडर को पाकिस्तान से मिलता था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आतंक के प्रोजेक्ट मुस्तफा से 40 लोग जुड़े हुए थे। एजेंसियों के मुताबिक ये नेटवर्क पूरे भारत में फैला था।
जांच में खुलासा हुआ है कि टेरर कंपनी भारत में खिलाफत यानी खलीफा का राज कायम करने की साजिश रच रही थी। खिलाफत में शासन शरिया कानून पर आधारित होता है। खिलाफत में इस्लामिक रीति-रिवाज का पालन जरूरी होता है। इस राज में गैर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है। उन्हें जजिया कर देना पड़ता है। खिलाफत वाले मॉडल में महिलाओं के लिए पर्दा अनिवार्य होता है।
अश्हर दानिश की टेरर कंपनी अपना हेडक्वार्टर बनाने के लिए जमीन खरीदने की तैयारी में थी। यहां खिलाफत वाली साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भटके हुए नौजवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जानी थी।
फिलहाल जांच हो रही है कि इनके नेटवर्क में और कितने संदिग्ध शामिल थे, पाकिस्तान के किस कट्टरपंथी ग्रुप से इनका कनेक्शन था और इन्हें कहां-कहां से फंडिंग मिल रही थी।
*#DNAWithRahulSinha | दिल्ली में टारगेटेड अटैक की साजिश!
— Zee News (@ZeeNews) September 11, 2025
ISIS मॉड्यूल को लेकर दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा...पाकिस्तानी हैंडलर के टच में थे आतंकी... दानिश आतंकियों का था सरगना...5 राज्यों से 5 आतंकियों की गिरफ्तारी #DNA #DelhiNews #DelhiPolice #ISIS | @RahulSinhaTV pic.twitter.com/0CGd7xQFjz
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