भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) ने इंद्रा के साथ मिलकर अगली पीढ़ी का रडार बनाया है, जो नौसेना की हवाई निगरानी क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
टीएएसएल ने इंद्रा के साथ मिलकर इस आधुनिक नौसैनिक हवाई निगरानी रडार का निर्माण किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि टीएएसएल अब नई पीढ़ी के नौसैनिक निगरानी रडार सिस्टम का निर्माण और संयोजन करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।
कंपनी के अनुसार, टीएएसएल ने इंद्रा के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत पर 3डी वायु निगरानी रडार (3डी-एएसआर) लांजा-एन को सफलतापूर्वक चालू किया है। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसमें सिस्टम असेंबल करने और संयोजन में महत्वपूर्ण स्थानीयकरण शामिल है।
यह रडार भारतीय नौसेना के युद्धपोत की सभी प्रणालियों के साथ आसानी से जोड़ा गया है। इसकी स्वीकृति कठिन समुद्री परीक्षणों के बाद हुई, जिसमें विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों को विभिन्न रडार क्रॉस-सेक्शन में इसके प्रदर्शन को जांचने के लिए तैनात किया गया था।
रडार का उत्पादन बढ़ाने के लिए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के कर्नाटक स्थित संयंत्र में एक रडार असेंबली, एकीकरण और परीक्षण प्लांट पहले ही बनाया जा चुका है, जिससे रडार की आपूर्ति में तेजी आएगी।
टीएएसएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुकरण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ उनका सहयोग भारत में रडार निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर तालमेल, तकनीकी विशेषज्ञता और एक मजबूत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाकर, वे उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।
इंद्रा की एना बुएंडिया ने कहा कि यह परियोजना बड़ी संख्या में जहाजों के लिए रडार की आपूर्ति और तैनाती से कहीं आगे तक जाती है। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग स्थापित करने में भी मदद मिली है, जिसके साथ उन्होंने बेंगलुरु में एक रडार फैक्टरी स्थापित करने के लिए काम किया है।
इंद्रा का लांजा-एन सबसे उन्नत लंबी दूरी की, त्रि-आयामी सामरिक निगरानी प्रणालियों में से एक है, जो किसी विशेष कवरेज क्षेत्र में मित्रवत और शत्रुतापूर्ण हवाई और सतही लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है। टीएएसएल के अनुसार, यह रडार विभिन्न प्रकार के ड्रोन, सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों और विकिरण-रोधी मिसाइलों के साथ-साथ सभी प्रकार के नौसैनिक प्लेटफार्मों का पता लगाने में अत्यधिक प्रभावी है। यह पहली बार है जब लांजा-एन रडार स्पेन के बाहर चालू हो रहा है।
Advancing India’s Naval Capabilities!
— Tata Advanced Systems Limited (@tataadvanced) September 11, 2025
Tata Advanced Systems, in technology collaboration with @IndraCompany , has become the first Indian company to successfully manufacture, deliver, and commission the first 3D Air Surveillance Radar (3D-ASR) – Lanza-N aboard an Indian Navy… pic.twitter.com/enPCWcg5Fe
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