एशिया कप हॉकी: भारत ने कोरिया को 4-1 से रौंदकर जीता खिताब, विश्व कप में जगह पक्की
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दिलप्रीत सिंह के दो शानदार गोलों की बदौलत भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को फाइनल में गत चैंपियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से धूल चटाकर एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारत ने अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।

भारत ने चौथी बार एशिया कप पर कब्जा जमाया है और अब वह पांच बार के चैंपियन कोरिया के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम बन गया है। इससे पहले भारत ने 2003 (कुआलालंपुर), 2007 (चेन्नई), और 2017 (ढाका) में यह खिताब जीता था।

भारत ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक भी मुकाबला नहीं हारा। इस जीत ने भारत के लिए अगले विश्व कप का रास्ता खोल दिया है, जिसका आयोजन 14 से 30 अगस्त तक बेल्जियम और नीदरलैंड में होगा। भारत ने अब तक केवल एक बार 1975 में कुआलालंपुर विश्व कप अपने नाम किया है।

राजगीर खेल परिसर में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में सुखजीत सिंह ने पहले ही मिनट में गोल दागकर भारत को बढ़त दिलाई। दिलप्रीत ने 28वें और 45वें मिनट में दो गोल किए, जबकि अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में चौथा गोल दागा। कोरिया के लिए एकमात्र गोल 51वें मिनट में डेन सोन ने किया।

हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम ने तीनों पूल मैच जीते थे। सुपर 4 चरण में मलेशिया को 4-1 और चीन को 7-0 से हराया, जबकि कोरिया के साथ मैच 2-2 से ड्रॉ रहा था।

भारतीय टीम ने शुरुआती सेकंड से ही आक्रामक खेल दिखाया। डिफेंस, मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति के बीच बेहतरीन तालमेल था और टीम ने एकजुट होकर विरोधी गोल पर कई हमले किए। दूसरी ओर, कोरियाई टीम ज्यादातर समय रक्षात्मक खेल खेलती नजर आई, जो उन पर भारी पड़ा।

सुखजीत ने 30वें सेकंड में भारत के लिए पहला गोल किया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने बायें फ्लैंक से शानदार प्रदर्शन करते हुए सुखजीत को गेंद सौंपी, जिन्होंने बायें कार्नर से रिवर्स हिट लगाकर गेंद को गोल में डाला। दिलप्रीत आठवें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचे, लेकिन विवेक सागर प्रसाद के पास पर उनका शॉट कोरियाई गोलकीपर जेहान किम ने बचा लिया।

भारतीय आक्रामक पंक्ति ने पूरे मैच में कोरियाई डिफेंस पर दबाव बनाए रखा। हरमनप्रीत ने हवा में गेंद उछालकर बायें कॉर्नर पर संजय को पास दिया, जिन्होंने सर्कल के भीतर दिलप्रीत को गेंद सौंपी और उन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की।

कोरिया को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय डिफेंस एक बार फिर अडिग रहा। भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर 44वें मिनट में मिला, लेकिन हरमनप्रीत की कोशिश नाकाम रही। तीसरे क्वार्टर के आखिर में दिलप्रीत ने भारत के लिए एक और गोल किया।

पांच मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे रोहिदास ने गोल में बदला। कोरिया के लिए अंतिम मिनटों में सोन ने एकमात्र गोल किया।

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