काठमांडू सहित पूरे नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन किए जाने के विरोध में जेन जी का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। अब तक 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद सरकार चौतरफा आलोचनाओं से घिरी है।
नेपाल की सियासत में भी हड़कंप मचा हुआ है। गृह मंत्री रमेश लेखक ने पार्टी बैठक में कहा कि सोमवार के विरोध प्रदर्शन में अकल्पनीय जनहानि हुई है, इसलिए वे नैतिक आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं। उनका इस्तीफा आज आने की संभावना है।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अशांति पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई है। सरकार इन सोशल मीडिया ऐप्स पर से प्रतिबंध हटा सकती है।
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से स्थानीय रजिस्ट्रेशन की मांग की थी। जब ये कंपनियां रजिस्टर नहीं हुई, तो सरकार ने उन्हें बंद कर दिया, जिसके बाद देशव्यापी प्रदर्शन शुरू हो गए।
सरकार का कहना है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी खबरें फैल रही थीं और साइबर अपराध बढ़ रहे थे। इसलिए इन पर कंट्रोल जरूरी था।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी। देश की गरिमा और कानून सबसे ऊपर हैं।
युवाओं का मानना है कि सोशल मीडिया उनके विचार व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसके बंद होने से उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला हुआ है, इसलिए वे सड़कों पर उतर आए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार और सरकारी नाकामी के कारण उनमें गुस्सा है। युवाओं का आरोप है कि सरकार का यह कदम तानाशाही प्रवृत्तियों को दर्शाता है। वे बदलाव चाहते हैं।
सरकार का कहना है कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। कोर्ट ने कहा था कि कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बिना रजिस्ट्रेशन के देश में काम नहीं करेगा।
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 28 अगस्त को कंपनियों को सात दिन का समय दिया गया था। डेडलाइन खत्म होने तक मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (ट्विटर) समेत किसी भी ग्लोबल कंपनी ने आवेदन नहीं किया।
इसके बाद सरकार ने नेपाल टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी को निर्देश दिया कि आधी रात से सभी अनरजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया जाए।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों द्वारा कर्फ्यू तोड़कर संसद के पास प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसने के बाद नेपाल की राजधानी में सेना तैनात कर दी गई है।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। सशस्त्र सीमा बल इस घटनाक्रम पर कड़ी नज़र रख रहा है।
कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में भी घुस गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। दमक में प्रदर्शनकारियों ने ईस्ट-वेस्ट हाईवे जाम कर दिया, जबकि कुछ ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के घर पर पथराव किया।
काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी है। नए प्रतिबंधों में अब कई उच्च-सुरक्षा क्षेत्र शामिल हैं, जैसे राष्ट्रपति आवास, उपराष्ट्रपति निवास, महाराजगंज, सिंह दरबार के चारों ओर, बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास और आस-पास के क्षेत्र।
*#WATCH | Nepal: People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/zz0mLm5VQ6
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