AAP को याद कर रहे लोग, दिल्ली के बाढ़ शिविरों में बदइंतजामी का आरोप
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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों का दौरा किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बाढ़ राहत शिविरों में समय पर खाद्य सामग्री पहुंचाने और टेंट लगाने में विफल हो रही है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क में एक फ्लड रिलीफ कैम्प में पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि यदि केंद्र सरकार भूकंप प्रभावित अफगानिस्तान को राहत सामग्री भेज सकती है, तो दिल्ली के बाढ़ पीड़ितों को भी समय पर मदद मिलनी चाहिए।

उन्होंने सरकार से बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

केजरीवाल ने कहा कि लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें समय पर खाना नहीं मिल रहा है। हर जगह मच्छर हैं। बारिश हो रही है, लेकिन टेंट कल ही लगाए गए हैं। यह एक प्राकृतिक आपदा है और सरकार से लोगों को सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया। पर्याप्त व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है।

केजरीवाल ने कहा कि पूरी दिल्ली जलभराव की समस्या से जूझ रही है। नालियों की सफाई समय पर नहीं हुई। कई इलाकों में सीवर बैकफ्लो है और कई जगहों पर पीने का पानी नहीं है।

उन्होंने कहा कि पहले राहत शिविरों में समय पर टेंट लगते थे, मच्छरदानी, खाना, पीने का पानी और डॉक्टरों की व्यवस्था रहती थी, लेकिन आज उन्हीं शिविरों में बदइंतजामी और लापरवाही साफ देखी जा सकती है।

केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली, MCD व केंद्र तीनों जगह बीजेपी की सरकार है, फिर भी टेंट समय पर नहीं लगे, लोगों को खाना नहीं मिला, पीने का साफ पानी नहीं है और मच्छरों से परेशान लोग खुद दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों की नाराजगी इस बात से भी है कि जिन समस्याओं को पहले खुद मुख्यमंत्री और मंत्री मौके पर पहुंचकर हल करते थे, अब उन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं दिखता। न तो कोई जिम्मेदार मंत्री हालात का जायजा लेने आया, न कोई ठोस कार्रवाई की गई। हर ओर एक किस्म की प्रशासनिक चुप्पी पसरी हुई है।

केजरीवाल ने दिल्ली और केंद्र की बीजेपी सरकारों से अपील की कि राहत व्यवस्था को राजनीति से ऊपर रखकर देखें, क्योंकि यह मानवीय संकट है, और इसमें देरी का मतलब है जनता को और तकलीफ देना है। उन्होंने केंद्र सरकार से उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों को सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भी, दिल्ली को 2023 में बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए और 25,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की आवश्यकता पड़ी।

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