CPEC 2.0: क्या पाकिस्तान-चीन की नई डील से PoK में बनेंगे 5 नए कॉरिडोर, भारत के लिए खतरा?
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पाकिस्तान और चीन के बीच चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) 2.0 पर सहमति बन गई है। इस खबर के सामने आते ही भारत के सामने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है, खासकर PoK को लेकर।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 4 सितंबर, 2025 को बीजिंग में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने अपने संबंधों को और मजबूत करने का वादा किया। दोनों देशों ने अपनी हर मौसम और लोहे जैसी मजबूत दोस्ती को आगे बढ़ाने की बात कही।

CPEC 2.0 में पांच नए कॉरिडोर शामिल होंगे। दोनों नेताओं ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के अगले चरण पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई। पाकिस्तान-चीन के रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया ताकि भविष्य में और ज्यादा योजनाएं पाकिस्तान की जमीन पर तैयार की जा सकें।

चीन को लुभाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कोई कसर नहीं छोड़ी। शरीफ ने चीन और उसके नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने कहा कि चीन ने हमेशा पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और विकास में समर्थन दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूरदर्शिता की भी तारीफ की और कहा कि पाकिस्तान चीन की सफलता से सीखना चाहता है।

शरीफ ने CPEC के योगदान पर जोर देते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान के सामाजिक और आर्थिक विकास को पिछले दस सालों में बड़ा फायदा हुआ है। उन्होंने मेन लाइन-1 रेलवे, काराकोरम हाईवे और ग्वादर बंदरगाह जैसे प्रोजेक्ट्स को जल्दी पूरा करने पर जोर दिया।

उसी दिन एक बिजनेस-टू-बिजनेस सम्मेलन हुआ जिसमें 300 पाकिस्तानी और 500 चीनी कंपनियों ने हिस्सा लिया। कृषि, खनिज, कपड़ा, उद्योग और आईटी को दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए प्रमुख क्षेत्र बताया गया। बैठक में CPEC 2.0, विज्ञान-तकनीक, आईटी, मीडिया और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग से जुड़े कई समझौते भी हुए।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की शुरुआत 2015 में हुई थी। 2442 किलोमीटर लंबा ये सड़क मार्ग चीन के शिंजियांग शहर को पाकिस्तान के समुद्र किनारे बसे शहर ग्वादर से जोड़ेगा। इससे चीन सड़क मार्ग से समुद्र तक जुड़ जाएगा और अरब सागर के जरिए अपने व्यापार को और तेज करेगा।

इससे अरब सागर में चीन का दखल बढ़ेगा और भारत को घेरने की कोशिश होगी। सबसे बड़ा खतरा यह है कि CPEC, PoK से होकर गुजरता है। इससे भारत के उस प्लान को बड़ा झटका लगेगा जिसमें वह PoK को वापस लेने का सपना देखता आया है।

शरीफ 30 अगस्त 2025 को छह दिन की यात्रा पर चीन पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन में भाग लिया और 3 सितंबर को चीनी सेना की परेड में भी शामिल हुए। यह परेड जापान के खिलाफ चीन के युद्ध में चीन की जीत के 80 साल पूरे होने पर आयोजित की गई थी।

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