दिल्ली में यमुना का कहर: निगम बोध घाट डूबा, अंतिम संस्कार ठप्प, अस्थियाँ बहीं
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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। राजधानी का सबसे बड़ा श्मशान स्थल, निगम बोध घाट, भी जलमग्न हो गया है।

घाट पर दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद और नोएडा से भी लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं। लेकिन, बढ़ते जलस्तर और घाट के भीतर पानी घुसने के कारण अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं।

तेज जलधारा ने कई चिता स्थलों को डुबो दिया और अस्थियाँ बह गईं। जो चिता स्थल ऊंचाई पर हैं, उनके परिजन अस्थियाँ समेटने के लिए पानी पार कर जोखिम उठाते दिखाई दिए।

यमुना का पानी रोकने के लिए डेढ़ साल पहले बनाई गई दीवार इस बार जलस्तर बढ़ते ही टूट गई। उसी दरार से पानी तेजी से श्मशान तक आ गया।

एक ट्रैक्टर से पंप लगाकर पानी को वापस बड़ी सुरक्षा-दीवार के पार यमुना में फेंका जा रहा है, लेकिन यह उपाय सीमित असर दिखा रहा है।

यदि जलस्तर लगभग एक फीट और बढ़ा, तो पानी पुरानी दीवार को पार कर सकता है, जिससे घाट पर 10-11 फीट तक पानी भरने का खतरा है। इससे आसपास के इलाके, यहां तक कि लाल किला की दिशा में भी पानी बढ़ सकता है।

घाट के भीतर सरोवर स्थल तक भी पानी पहुंच गया है। बीचोंबीच बाबा बालकनाथ जी की मूर्ति पानी में घिरी हुई है।

घाट में पानी घुसने और दीवार का हिस्सा टूटने के बाद प्रबंधन ने अंतिम संस्कार रोकने का निर्णय लिया। लोगों से अस्थियां और सामान सुरक्षित स्थान पर रखने और वैकल्पिक श्मशानों का उपयोग करने का आग्रह किया जा रहा है, जब तक जलस्तर घट नहीं जाता।

दिल्ली यातायात पुलिस और जल आयोग के मुताबिक, हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी के बाद यमुना में बढ़ोतरी 36-48 घंटे में दिल्ली पहुंचती है।

दिल्ली में यमुना का मानक नाप-स्थान ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) है। यहाँ खतरे की रेखा 205.33 मीटर मानी जाती है। 2023 की बाढ़ में यमुना का स्तर 13 जुलाई 2023 को 208.66 मीटर तक गया था, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यमुना के बढ़ते जलस्तर के चलते कई रूटों पर डाइवर्ज़न और सलाह जारी की है। विशेषकर रिंग रोड, कश्मीरी गेट, सिग्नेचर ब्रिज के आसपास, राजघाट की ओर जाने वाले रास्तों पर सावधानी बरतने और वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है।

निगम बोध घाट पर नई दीवार के गुणवत्ता/डिज़ाइन पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पुरानी दीवार आज भी मज़बूत है। प्रशासन की ओर से बताया गया कि ऊपर से और पानी छोड़ा गया तो रात तक जलस्तर और बढ़ सकता है।

यमुना के किनारे/निचले इलाकों में रहने वाले लोग ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट रहें। प्रशासन/ट्रैफिक पुलिस/जल आयोग के आधिकारिक अपडेट पर ही भरोसा करें। अनावश्यक रूप से नदी के किनारे या जलमग्न हिस्सों में न जाएं। अंतिम संस्कार हेतु फिलहाल वैकल्पिक श्मशानों की जानकारी लें और प्रबंधन से पहले से संपर्क करें।

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