मूडीज का दावा: क्या ट्रंप ने डुबो दी अमेरिकी अर्थव्यवस्था? मंदी की ओर अग्रसर अमेरिका
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमेशा दावा किया है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा देकर वो फिर से चुनाव जीते और सत्ता में आने के बाद लोगों को ख़ुशहाल अमेरिका के सपने दिखाते रहे.

हालांकि, हकीकत यह है कि अमेरिका को सपने और दुनिया को टैरिफ की धौंस दिखाने वाले ट्रंप अपने ही देश को मंदी के करीब ले आए हैं. मशहूर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था हर मोर्चे पर पस्त पड़ती जा रही है और एक और मंदी के मुहाने पर खड़ी है, जिससे भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के अंत तक अमेरिका आर्थिक मंदी की चपेट में आ सकता है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था का एक-तिहाई हिस्सा पहले से ही संकट से जूझ रहा है. नौकरियां मिलनी मुश्किल हो गई हैं और जल्द ही लोगों की नौकरियां जाने लगेंगी. महंगाई में बढ़ोतरी होगी, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ जाएगी.

मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी, जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी, ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर ये चेतावनी जारी की है.

ट्रंप पर आरोप है कि वे अमेरिका की भलाई से ज़्यादा अपनी निजी कमाई में रुचि रखते हैं. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने आरोप लगाया है कि ट्रंप देश के बदले अपना व्यक्तिगत फायदा देखते हैं और उन्होंने पाकिस्तान से फैमिली बिजनेस के लिए भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को खराब किया है.

सुलिवन पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ ट्रंप के परिवार से जुड़ी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के समझौते की तरफ इशारा कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील के बाद ट्रंप परिवार की अरबों डॉलर की संपत्ति बढ़ गई.

इसके अलावा, ट्रंप पर कतर की सरकार से उपहार के रूप में मिले 400 मिलियन डॉलर के लग्जरी विमान को स्वीकार करने का भी आरोप है, जिसे रिश्वत लेने की तरह देखा जा रहा है.

ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद से निजी फायदे के लिए सिर्फ़ दुनिया के अलग-अलग देशों से ही संबंध ख़राब नहीं किए हैं, बल्कि अमेरिका के लोगों को भी परेशान किया है. बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की गई है और यूनिवर्सिटी की फंडिंग में कटौती की गई है.

ट्रंप ने कई शहरों का प्रशासन अपने हाथ में ले लिया है और वहां सेना तैनात की है, जिसके खिलाफ जोरदार विरोध भी हुआ है.

ट्रंप की नीतियों के कारण जॉन बोल्टन और एलन मस्क जैसे उनके पुराने दोस्त अब दुश्मन बन बैठे हैं और उनकी लोकप्रियता में तेज़ी से गिरावट आ रही है.

जनवरी 2025 में ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग 46-47% के आसपास थी, जो अगस्त में गिरकर 37-40% के बीच आ गई है.

इस बीच, अमेरिका में बसे हिंदुओं ने राष्ट्रपति ट्रंप से अपने कारोबारी सलाहकार पीटर नवारो को बर्खास्त करने की मांग की है, क्योंकि उन पर हिंदू विरोधी बयान देने का आरोप है.

दूसरी ओर, भारत के पुराने और पक्के दोस्त पुतिन खुलकर भारत का साथ दे रहे हैं और उन्होंने भारत और रूस के बीच साझेदारी मज़बूत करने के लिए 2 बड़े फ़ैसले लिए हैं. रूस, भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई बढ़ाने के लिए तैयार है और भारत को तेल खरीदने पर पहले से ज़्यादा डिस्काउंट मिलेगा.

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