फडणवीस कैबिनेट का बड़ा फैसला: निराधारों को अब ₹2500 की आर्थिक मदद!
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महाराष्ट्र सरकार ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में संजय गांधी निराधार और श्रवण बाल योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता में बड़ी वृद्धि की गई है। अब लाभार्थियों को प्रतिमाह 1500 रुपए की बजाय 2500 रुपए मिलेंगे।

राज्य सरकार निराश्रित पुरुषों, महिलाओं, अनाथों, दिव्यांगों और निराश्रित विधवाओं को हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान करती है। वर्तमान में संजय गांधी निराधार अनुदान योजना के तहत 4 लाख 50 हजार 700 लाभार्थी और श्रवणबल योजना के तहत 24 हजार 3 दिव्यांग लाभार्थी हैं। इस बढ़ोत्तरी के लिए सरकार ने 570 करोड़ रुपए के आवश्यक प्रावधान को मंजूरी दी है।

कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य में अनुसूचित जनजाति वर्ग के कक्षा 9वीं और 10वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए अब स्वर्ण जयंती जनजातीय पूर्व-माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना की बजाय केंद्र सरकार की पूर्व-माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना लागू की जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि केंद्र की योजना में छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि अधिक मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने महानिर्मिती कंपनी के ताप विद्युत संयंत्रों में उत्पन्न राख के उपयोग संबंधी नीति को भी मंजूरी दी है। इस नीति के तहत राख के शत-प्रतिशत पर्यावरण-अनुकूल उपयोग की पद्धति निर्धारित की गई है और यह विभिन्न प्रयोजनों के लिए राख के उपयोग हेतु प्रोत्साहन प्रदान करेगी। इससे स्थानीय लोगों और परियोजना प्रभावित लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

नागपुर महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत हिंगना तालुका में नया नागपुर के अंतर्गत एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं वित्त केंद्र (आईबीएफसी) विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और व्यय प्रावधान को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर कुल 6,500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जिसके लिए आवास विकास निगम लिमिटेड (हुडको) ने ऋण और सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है।

अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में, पुणे शहर में स्वारगेट से कात्रज मेट्रो लाइन पर दो नए स्टेशनों के निर्माण और कटराज मेट्रो स्टेशन को स्थानांतरित करने को मंजूरी दी गई है। साथ ही, पुणे और लोनावाला के बीच तीसरी और चौथी उपनगरीय रेलवे लाइन के निर्माण को भी मंजूरी मिली है, जिसकी लागत लगभग 5,100 करोड़ रुपए होगी।

नागपुर शहर और उसके आसपास एक बाहरी रिंग रोड विकसित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना को भी कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई है। 148 किलोमीटर लंबी और 120 मीटर चौड़ी यह रिंग रोड नागपुर में प्रवेश करने वाले सभी राजमार्गों को जोड़ेगी। इस परियोजना के लिए 13,748 करोड़ रुपए के व्यय को मंजूरी दी गई है।

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