चीन के घातक हथियार: क्या भारत के लिए खतरा, अमेरिका भी निशाने पर?
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चीन ने हाल ही में अपनी सैन्य परेड में नई पीढ़ी के मिसाइलों, समुद्री ड्रोन और रोबोटिक वॉर सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने वैश्विक रक्षा क्षमताओं में बढ़ते चीनी दबदबे की एक झलक दिखाई।

चीन ने वॉरशिप बेस्ड एनर्जी सेंटर्ड लेजर हथियारों के दो अलग-अलग वर्जन दिखाए। ये मिसाइलों और ड्रोन हमलों से निपटने में कारगर होंगे और सस्ते भी। परेड में कंधे पर रखकर मिसाइल लॉन्च करने वाली गन और एंटी-ड्रोन तकनीक भी दिखाई गई।

चीन ने अपनी एयर फोर्स की शक्ति का प्रदर्शन करते हुए J-20, J-20A, J-20S और J-35A जैसे फाइटर जेट स्क्वाड्रन दिखाए। J-35 पहली बार परेड में उड़ान भरता देखा गया। GJ-11 लॉयल विंगमैन UCAV ड्रोन ने भी लोगों का ध्यान खींचा। यह फाइटर जेट जैसा मानव रहित विमान निगरानी और सटीक निशानेबाजी के लिए जाना जाता है।

चीन ने चार पैरों वाले रोबोटिक भेड़िए दुनिया के सामने पेश किए। चीनी मीडिया का दावा है कि ये मशीनें बॉर्डर और संघर्ष वाले इलाकों में निगरानी कर सकती हैं, लक्ष्यों पर निशाना साध सकती हैं, और जरूरत पड़ने पर सैनिकों को रसद पहुंचा सकती हैं।

चीन ने अपनी नई YZ-15 हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया, जो आवाज की रफ्तार से पांच गुना तेज उड़ान भर सकती हैं। यिंग जी या बाज का हमला के नाम से जानी जाने वाली ये मिसाइलें किसी भी जहाज या विमान से दागी जा सकती हैं और बड़े जहाजों को बर्बाद करने की क्षमता रखती हैं।

YZ-21 एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल, जिसे कैरियर किलर भी कहा जाता है, का भी प्रदर्शन किया गया। इसे विमान से दागा जा सकता है और इसकी रेंज लगभग 600 किलोमीटर है।

चीन ने दो नए मानव रहित समुद्री ड्रोन, AJX को पहली बार दुनिया के सामने दिखाया। ये ड्रोन छोटी पनडुब्बियों की तरह हैं, जिन्हें बिना मानवीय हस्तक्षेप के चलाया जा सकता है और दुश्मन के वॉरशिप को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

परेड में न्यूक्लियर इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) का भी प्रदर्शन किया गया। पहली बार डॉन्ग फेंग-61, डॉन्ग फेंग-31BJ और डॉन्ग फेंग 5C जैसी मिसाइलें भी दिखाईं।

डॉन्ग फेंग 5C (DF-5C) की मारक क्षमता 20,000 किलोमीटर से अधिक है, जिससे यह दुनिया के किसी भी देश को निशाना बना सकती है और दुश्मन की रक्षा सिस्टम को सटीकता से भेद सकती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि एक DF-5C मिसाइल 12 न्यूक्लियर वारहेड ले जा सकती है।

चीन ने अपनी अंतरिक्ष रक्षा प्रणाली HQ-29 का भी अनावरण किया, जो अंतरिक्ष से होने वाले हमलों से बचाव कर सकती है और विदेशी उपग्रहों को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल जमीन या वॉरशिप से लॉन्च की जा सकती है और बड़े जहाजों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों को खत्म करने में सक्षम है।

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