बिहार की राजनीति में आजकल एक सवाल घूम रहा है: बार-बार किनारे किए जाने के बावजूद पप्पू यादव क्यों नहीं मानते?
पप्पू यादव को तीन हफ़्ते में फिर एक बार राहुल गांधी के काफिले में चल रही गाड़ी से उतरने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन वे अपनी कोशिशों में कमी नहीं होने दे रहे हैं.
पटना में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा का समापन समारोह चल रहा था. मंच पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपंकर भट्टाचार्य से लेकर मुकेश सहनी तक मौजूद थे. लेकिन पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव मंच के नीचे साउंड सिस्टम के नजदीक कुर्सी पर बैठकर कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे.
सवाल है कि पप्पू यादव मंच पर क्यों नहीं थे? इसका जवाब एक वीडियो से समझा जा सकता है, जिसमें वे वैन की सीट पर बैठने को लेकर बहस करते दिख रहे हैं. तीखी बहस के बाद पप्पू वैन से उतर गए.
यह वैन राहुल गांधी की वैन के ठीक पीछे चल रही थी, जिसमें महागठबंधन के कई नेता सवार थे. कहा जा रहा है कि पप्पू यादव इस वैन में गांधी मैदान के पास ही सवार हुए थे. सुरक्षा कारणों से उन्हें उस सीट पर बैठने से मना किया जा रहा था. वॉलंटियर उन्हें दूसरी सीट पर शिफ्ट होने का आग्रह कर रहे थे. पप्पू यादव इसी बात से नाराज़ हो गए और वैन से उतर गए.
पप्पू यादव की अनदेखी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है. 1 सितंबर को पप्पू को राहुल गांधी के पीछे चल रही वैन की सीट से हटाया गया. इससे पहले 9 जुलाई को पप्पू यादव को राहुल गांधी की गाड़ी में सवार होने से रोका गया. बिहार बंद के दौरान पप्पू राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ना चाह रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धक्का दे दिया.
मंच नहीं देते, सीट नहीं देते, राहुल की गाड़ी पर बैठने से मना कर देते हैं, लेकिन पप्पू तो पप्पू हैं. पप्पू हैं कि मानते नहीं.
पप्पू यादव को बार-बार अनदेखी झेलनी पड़ रही है, लेकिन उन्होंने राहुल गांधी के सम्मान में कोई कमी नहीं रखी है. पप्पू यादव ने कहा कि जब तक राहुल गांधी हैं, तब तक संविधान सुरक्षित है, लोकतंत्र सुरक्षित है, जनतंत्र सुरक्षित है, देश सुरक्षित है.
पप्पू यादव ने चुनाव से पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था.
शुरुआत पूर्णिया में लोकसभा चुनाव से हुई. पप्पू यादव ने चुनाव से पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया. लेकिन वहां की सीट कांग्रेस को मिली ही नहीं और पप्पू यादव को पूर्णिया से टिकट नहीं दिया गया. इसके बावजूद पप्पू यादव जीते और उन्होंने बिहार में राहुल गांधी को गठबंधन का नेता बताया. यहाँ तक कि पप्पू यादव ने तेजस्वी को भी जननायक कहा.
इन सबके बावजूद सार्वजनिक रूप से पप्पू यादव को वो जगह कांग्रेस की तरफ से नहीं मिली है, जिसकी इच्छा वे रखते हैं. पार्टी का कांग्रेस में विलय, गांधी परिवार की तारीफ और राहुल गांधी को बार-बार नेता बताने के बाद भी पप्पू यादव पार्टी में अलग-थलग दिखते हैं. इसीलिए ये बात बार-बार कही जा रही है कि पप्पू हैं कि मानते ही नहीं.
*राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने से रोके गए पप्पू यादव, पूर्णिया सांसद का वीडियो वायरल#rahulgandhi | #pappuyadav | #biharbandh pic.twitter.com/rBle7s35Te
— NDTV India (@ndtvindia) July 9, 2025
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