वक्फ कानून के खिलाफ देशव्यापी आक्रोश: मंगलुरु में आजादी के नारे, हैदराबाद में प्रदर्शन की तैयारी
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वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, लेकिन इसके बावजूद देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों में हजारों-लाखों लोगों की भीड़ जुट रही है, और भारत में रहकर आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं। मरने-काटने की धमकी दी जा रही है, जो देश के लिए बेहद खतरनाक है।

जुमे की नमाज के बाद मंगलुरु के अद्यार कन्नूर मैदान में एक लाख मुसलमानों को वक्फ कानून के विरोध में इकट्ठा किया गया। इस प्रदर्शन के आयोजक और निर्देशक काजी थे। काजी और मुस्लिम धर्मगुरु समेत 25 से ज्यादा लोग मंच पर मौजूद थे। दो हजार लोगों को इस भीड़ की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए लगाया गया था। दक्षिण कन्नड़ और उडूपी के काजियों ने दक्षिण कन्नड़, उडुपी, कोडागु और चिकमंगलुरु से एक लाख मुसलमानों को जुटाकर सड़कों पर आजादी के नारे लगवाए।

मंगलुरु में लोगों को किस बात की आज़ादी चाहिए? इतनी बड़ी तादात में इन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका मिल रहा है और ड्रोन कैमरे की निगरानी में उन्हें आजादी के नारे लगाने दिए जा रहे हैं।

आजादी के नारे का एक इतिहास है, जो पाकिस्तान से जुड़ा है। यह नारा सबसे पहले 1980 के दशक में पाकिस्तान में जनरल मोहम्मद जिया उल हक के शासन के दौरान उनकी कट्टरपंथी नीतियों के विरोध में महिलाओं द्वारा लगाया गया था। बाद में, यह नारा कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े छात्र संगठनों द्वारा इस्तेमाल किया गया। अब वक्फ कानून के विरोध में सड़कों पर इसे लगाया जा रहा है।

यह सवाल केवल मंगलुरु का नहीं है, बल्कि शहर-शहर हो रहे ऐसे विरोध प्रदर्शनों का है। मंगलुरु जैसे हालात कल हैदराबाद में भी हो सकते हैं, क्योंकि AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कल हैदराबाद में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन दंगे में बदल गया था।

सड़क पर काजी अपनी ताकत दिखा रहे हैं, और जो संवैधानिक पद पर बैठे हैं, वे मरने-काटने की धमकी दे रहे हैं। इसे अल्पसंख्यकों का कल्याण बताया जा रहा है।

पिछले कुछ दिनों से वक्फ पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें आ रही हैं, जिनमें ज्यादातर गैर-बीजेपी शासित राज्यों से हैं। कर्नाटक के मंगलुरु में कांग्रेस की सरकार है, पश्चिम बंगाल में टीएमसी की, तेलंगाना में भी कांग्रेस की, तमिलनाडु में डीएमके की, और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है।

सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर 6 दिन बाद फैसला सुनाने वाला है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि वक्फ बिल के विरोध में हिंसा बहुत व्यथित करती है, और अगर मामला अदालत में लंबित है तो हिंसा और दंगा नहीं होना चाहिए।

वक्फ कानून के विरोध की एक तकरीर मुंबई से भी आई। यह तकरीर AIMPLB यानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से थी, जो इस पूरे विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा आयोजक बना हुआ है।

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 मई को होगी। इस बीच दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन तब्लीगी जमात का एक सम्मेलन कल हरियाणा के नूंह में होगा। इस जलसे में 5 लाख मुसलमान शामिल होंगे और वहां वक्फ कानून पर भी राय रखी जाएगी।

तब्लीगी जमात का हेडक्वार्टर दिल्ली में है, लेकिन इसकी शुरुआत 99 वर्ष पहले 1926 में मेवात से ही हुई थी। दुनिया के 150 देशों में तब्लीगी जमात के करोड़ों सदस्य हैं।

दूसरी ओर, बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के घर जला दिए गए और सैनिक की वर्दी जला दी गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की।

मुर्शिदाबाद हिंसा पीड़ित ममता सरकार और तमाम संवैधानिक बॉडीज़ से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

अब दिल्ली के कई इलाकों में भी लोगों को मुर्शिदाबाद दिखने लगा है। जिस तरह बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदू समुदाय को टारगेट किया गया, ठीक उसी तरह दिल्ली के सीलमपुर में भी हिंदू टारगेट पर हैं। सीलमपुर में कुणाल नाम के एक नाबालिग के मर्डर के बाद, हिंदू समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए। उनका आरोप है कि सीलमपुर में अवैध बांग्लादेशियों ने ठिकाना बना लिया है और हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं।

सीलमपुर में हुई हत्या में जिकरा नाम की एक लेडी डॉन का भी नाम सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने जिकरा समेत तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, और उससे पूछताछ कर रही है। कुणाल के कत्ल के बाद सीलमपुर में हालात तनावपूर्ण हैं और पैरा मिलिट्री फोर्सेज की तैनाती करनी पड़ी।

दिल्ली में इस समय इंटरनेश्नल लेवल पर ऑपरेट कर रहे छोटे-बड़े 11 क्रीमिनल गैंग एक्टिव हैं। बीते दस दिनों में ये दूसरी घटना है जब एक समुदाय के गुंडों ने हिंदू समुदाय को टारगेट किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में इस समय इंटरनेश्नल लेवल पर ऑपरेट कर रहे छोटे-बड़े 11 क्रीमिनल गैंग एक्टिव हैं।

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