धर्म के नाम पर नाइंसाफी: मुस्लिम समझकर हिंदू छात्रा का जाति प्रमाणपत्र रद्द, अखिलेश यादव भड़के
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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की छात्रा हेमा कश्यप का जाति प्रमाणपत्र रद्द होने पर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. आरोप है कि हेमा ने सिर पर दुपट्टा रखकर फोटो खिंचवाई थी, जिसके कारण अधिकारियों ने उन्हें मुस्लिम समझकर उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया.

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर इस मामले को लेकर हमला बोला है. उन्होंने इसे धर्म के नाम पर नाइंसाफी बताया है.

शुक्रवार को अखिलेश यादव से अलीगढ़ दौरे के दौरान हेमा कश्यप ने मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाई. हेमा ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र न बनने के कारण वह नीट (NEET) का फॉर्म भरने से वंचित रह गईं.

अखिलेश यादव ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि धर्म के नाम पर छात्रा का आवेदन रद्द कर दिया गया, जो कि पूरी तरह से नाइंसाफी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हेमा की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि छात्रा हेमा कश्यप के सपनों पर सिस्टम ने पानी फेरा. सिर पर दुपट्टा देखकर जाति प्रमाणपत्र खारिज कर दिया गया. इससे वह नीट में नहीं शामिल हो पाईं.

अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडोल्फ हिटलर के काले शर्ट वालों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं के अर्धसैनिक बल गठित कर दिए हैं, जो जो चाहते थे, वही करते थे. उन्होंने सवाल उठाया कि पहनना-ओढ़ना अगर शासन-प्रशासन का आधार बनेगा तो इस देश में इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा.

अखिलेश यादव ने राज्यसभा में राजा राणा सांगा पर उनकी टिप्पणी के विरोध में करणी सेना द्वारा सपा सांसद के आवास पर धावा बोलने का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में जो कुछ भी हो रहा है, वह सरकार के इशारे पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी को राज्यसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. जब कोई बात रिकॉर्ड से हटा दी जाती है तो मामला वहीं खत्म हो जाता है, लेकिन भाजपा का भरोसा लोकतंत्र में नहीं, बल्कि तानाशाही में है.

अखिलेश यादव ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगी आदित्यनाथ से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वाराणसी में अधिकारियों को बुलाकर बलात्कारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

अखिलेश यादव ने कहा कि इतिहास को विकास और समृद्धि के रास्ते पर ले जाना चाहिए, न कि भ्रम पैदा करना चाहिए. उन्होंने भारत को विभिन्न जातियों और धर्मों का गुलदस्ता बताते हुए कहा कि जितना अधिक हम एक-दूसरे को समझेंगे, एक-दूसरे को गले लगाएंगे, एक-दूसरे के साथ त्योहार मनाएंगे, उतना ही हमारा देश प्रगति करेगा क्योंकि समाज एकजुट रहेगा.

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