यूक्रेन युद्ध का महाविनाश रुक गया! मोदी ने पुतिन को अंतिम हथियार उठाने से रोका
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पोलैंड के उप विदेश मंत्री व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोसेव्स्की ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार इस्तेमाल करने से रोका था.

पोलैंड, यूक्रेन युद्ध में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आभारी है. बार्टोसेव्स्की के अनुसार, पीएम मोदी ने ही पुतिन को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करने के लिए मनाया. अगर ऐसा न होता, तो रूसी राष्ट्रपति विनाशकारी हथियारों का सहारा ले सकते थे.

परमाणु हथियारों को अंतिम हथियार माना जाता है. पोलैंड के मिनिस्टर ने न्यूक्लियर टैक्टिकल वेपन्स की बात कही है, जिनका इस्तेमाल युद्ध के मैदान के लिए होता है और जिनकी रेंज कम होती है.

पिछले साल पीएम मोदी की वारसा यात्रा शानदार रही. उन्होंने पुतिन को एटमी हथियारों का इस्तेमाल न करने के लिए मनाया. हम स्थायी रूप से यूक्रेन में शांति चाहते हैं. कोई भी युद्ध नहीं चाहता, मिनिस्टर ने कहा.

हाल ही में, पीएम मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन को दिए पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा कि शांति केवल बातचीत से बहाल हो सकती है, युद्ध से नहीं. उन्होंने दोनों देशों से बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया.

पॉडकास्ट में मोदी ने स्पष्ट किया कि इस संघर्ष में भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वह रूस से आग्रह कर सकते हैं कि युद्ध समाधान नहीं है और यूक्रेन को भी यह याद दिला सकते हैं कि युद्ध के मैदान से कभी समाधान नहीं निकलता.

रूस और यूक्रेन के साथ मेरे एक जैसे करीबी संबंध हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठ सकता हूं और कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है, और मैं राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को दोस्ताना तरीके से यह भी बता सकता हूं कि भाई, दुनिया में चाहे जितने भी लोग आपके साथ खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा, मोदी ने कहा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआत में शांति स्थापित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब यूक्रेन और रूस के बीच सार्थक वार्ता का अवसर है. बहुत नुकसान हुआ है. यहां तक कि ग्लोबल साउथ को भी नुकसान हुआ है. दुनिया अन्न, ईंधन और खाद के संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति के लिए एकजुट होना चाहिए.

उन्होंने कहा, मैं हमेशा से शांति के साथ खड़ा हूं. मेरा एक रुख है, और वह शांति है, और मैं शांति के लिए प्रयास करता हूं.

मोदी ने कहा, हम सद्भाव का समर्थन करते हैं... हम न तो प्रकृति के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते हैं और न ही राष्ट्रों के बीच संघर्ष को बढ़ावा देना चाहते हैं. हम शांति के लिए खड़े हैं और जहां भी हम शांतिदूत के रूप में कार्य कर सकते हैं, हमने खुशी से उस जिम्मेदारी को स्वीकार किया है.

पिछले साल 9 जुलाई को मॉस्को में पुतिन के साथ शिखर वार्ता में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है. इसके बाद, वह यूक्रेन गए और जेलेंस्की से कहा कि दोनों देशों को बिना समय गवाए बातचीत शुरू करनी चाहिए और भारत शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है.

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए पुतिन से बात करेंगे.

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