दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, AAP-BJP में छिड़ी आरोप-प्रत्यारोप की जंग
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दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। जनपथ रोड और अन्य इलाकों में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। धूल और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सड़कों पर ट्रक-माउंटेड वाटर स्प्रिंकलर तैनात किए गए हैं।

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। हर साल सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है।

इसी बीच, दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में देर रात एक इमारत में भीषण आग लग गई। दमकल विभाग की 27 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुटी रहीं। आग इतनी तेजी से फैली कि इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इमारत में कई गोदाम और ऑफिस हैं, जिससे आग तेजी से फैल गई। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है। आप (AAP) दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिवाली के बाद कृत्रिम वर्षा कराकर प्रदूषण को नियंत्रित करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार कृत्रिम वर्षा करा सकती थी, तो क्यों नहीं कराई?

सौरभ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार निजी अस्पतालों के साथ मिली हुई है और जनता को भ्रमित करने के लिए केवल घोषणाएं करती है।

आप नेता के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आप का 11 साल का कार्यकाल अभी-अभी खत्म हुआ है और दिल्ली को सांस लेने लायक बनाने में 2 से 2.5 साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रदूषित करने वाले लोग ही आज बयान दे रहे हैं, जो हास्यास्पद है।

मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि इस बार दिल्ली में ग्रीन पटाखों के साथ दिवाली मनाई गई और लोगों में खुशी का माहौल है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस साल अक्टूबर में दिल्ली का AQI पिछले सालों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और प्रभावित इलाकों में अनावश्यक रूप से न जाने की अपील की है। वहीं, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सरकारों को मिल जुलकर स्थायी समाधान खोजना होगा, चाहे वह कृत्रिम वर्षा हो, धूल नियंत्रण हो या निर्माण कार्यों पर सख्ती।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पटाखों वाली दिवाली से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दमघोंटू हो गई है और AQI 500 के पार चला गया है। यह भी अनुमान है कि अगले दो दिन स्थिति और खराब हो सकती है।

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