पाकिस्तान और अफ़ग़ान तालिबान कई दिनों तक चले संघर्ष के बाद युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। कतर की राजधानी दोहा में कतर और तुर्की की मध्यस्थता में यह शांति वार्ता हुई।
अफ़ग़ान तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि दोहा में हुई बैठक में हालात को सामान्य बनाने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कतर के विदेश मंत्रालय के बयान में बॉर्डर शब्द के इस्तेमाल पर उनकी सहमति नहीं है।
मुजाहिद ने कहा कि डूरंड रेखा का मुद्दा सरकारों से जुड़ा नहीं है, बल्कि राष्ट्रों से संबंधित है। समझौते में दोनों पक्षों ने भविष्य में बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है।
इससे पहले, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर झड़पें हुई थीं। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इसे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई बताया था। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि इन झड़पों में तालिबान के 200 से ज़्यादा लोग मारे गए।
अफ़ग़ान तालिबान के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक ज़िले में हमले किए, जिसमें कई आम लोग मारे गए।
कतर के विदेश मंत्रालय के अनुसार समझौते में यह भी शामिल है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देंगे। मंत्रालय ने एक कार्य योजना तैयार करने की बात भी कही है।
कतर के बयान से बाद में बॉर्डर शब्द हटा लिया गया। पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच दो हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा लंबी सीमा है, जिसे डूरंड रेखा के नाम से जाना जाता है। अफ़ग़ानिस्तान ने कभी औपचारिक रूप से इसे मान्यता नहीं दी।
दक्षिण एशिया के जानकार धनंजय त्रिपाठी के अनुसार, इस समझौते से संघर्ष रुक गया है, लेकिन भरोसा बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान ने डूरंड लाइन को कभी नहीं माना है।
अंग्रेज़ों के शासन के दौरान खींची गई डूरंड रेखा को अफ़ग़ानिस्तान स्वीकार नहीं करता। काबुल पर हुकूमत करने वाली हर सरकार ने इसे अस्वीकार किया है। पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा कहता है।
पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से तहरीक़-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करता है। तालिबान ने पाकिस्तान के आरोपों को ख़ारिज़ किया है। अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान पर सीमा और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है।
धनंजय त्रिपाठी का मानना है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच आपसी समझ ख़त्म हो चुका है। पाकिस्तान को संयम दिखाना होगा।
पाकिस्तान-अफ़गानिस्तान सीमा पर चमन शहर में ‘मैत्री दरवाज़ा’ फिलहाल बंद है। अफ़ग़ान तालिबान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने इसे नष्ट किया। सीमावर्ती इलाक़े में कंटीली तारों के बाड़ के आसपास पाकिस्तानी टैंक देखे जा सकते हैं। यहां अफ़ग़ानिस्तान से चीज़ें आती हैं और पाकिस्तान से निर्यात की जाती हैं। फिलहाल यह कारोबार बंद है।
Statement | Pakistan and Afghanistan Agree to an Immediate Ceasefire During a Round of Negotiations in Doha#MOFAQatar pic.twitter.com/fPXvn6GaU6
— Ministry of Foreign Affairs - Qatar (@MofaQatar_EN) October 18, 2025
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