तमाशा बंद करे सरकार, फ्यूनरल होने दे : राहुल गांधी ने वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात के दौरान कहा
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राहुल गांधी ने मंगलवार दोपहर दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के चंडीगढ़ स्थित आवास पर पहुँचकर उनके परिवार से मुलाकात की और संवेदनाएँ व्यक्त कीं। पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

उन्होंने अपने सुसाइड नोट में सीनियर पुलिस अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

राहुल गांधी ने दिवंगत आईपीएस की आईएएस पत्नी अमनीत पूरन कुमार और बेटी अमूल्या से करीब आधे घंटे तक बातचीत की। इस दौरान हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा भी मौजूद थे।

राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए इस घटना को एक परिवार का मामला नहीं बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश में गलत मैसेज जा रहा है।

सालों से सिस्टम के आधार पर भेदभाव हो रहा है। अधिकारी को कमतर करने के लिए, करियर बर्बाद करने के लिए सिस्टम के आधार पर दूसरे अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं। देश में करोड़ों दलित भाई-बहन हैं। उनको गलत मैसेज जा रहा है... मैसेज यह जा रहा है कि आप कितने भी सफल क्यों न हों, कितने भी ताकतवर क्यों न हों, कितने भी इंटेलिजेंट क्यों न हों, अगर आप दलित हो तो आपको दबाया जा सकता है, राहुल गांधी ने कहा।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तमाशा बंद करे और अधिकारी का फ्यूनरल होने दे ।

वरिष्ठ आईपीएस वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास के बेसमेंट में खुद को गोली मार ली थी।

मौत से एक दिन पहले उन्होंने पत्नी के नाम वसीयत और आठ पेज का सुसाइड नोट लिखा था।

इस नोट में उन्होंने हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत 13 अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि वे अब और सहन नहीं कर सकते और जो लोग उन्हें इस हालत में लाए हैं, वे ही उनकी मौत के जिम्मेदार हैं।

दिवंगत आईपीएस की पत्नी अमनीत पूरन कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दी थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

परिवार की मांग है कि आरोपी अधिकारियों को एफआईआर में नामजद किया जाए और उनकी तुरंत गिरफ्तारी हो। मांगें पूरी न होने तक परिवार ने दिवंगत आईपीएस का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है।

चंडीगढ़ पुलिस ने दिवंगत आईपीएस की पत्नी को नोटिस जारी कर पूरन कुमार का लैपटॉप मांगा है। पुलिस का मानना है कि सुसाइड नोट की प्रामाणिकता और ईमेल विवरणों की जांच के लिए लैपटॉप अहम सबूत साबित हो सकता है। पुलिस इस लैपटॉप को सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) भेजकर सुसाइड नोट की सत्यता की जांच करना चाहती है।

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