त्योहारों में घर वापसी की आपाधापी ने रेलवे को हिला कर रख दिया है। नियमित ट्रेनों में सीटें मिलना मुश्किल हो गया है और जिन स्पेशल ट्रेनों से लोगों को उम्मीद थी, वे सात से दस घंटे की देरी से चल रही हैं।
रेलवे ट्रैक पर 35% तक लोड बढ़ने के कारण स्पेशल ट्रेनों को अक्सर रोककर नियमित ट्रेनों को पास कराया जा रहा है। नतीजतन, दिवाली और छठ पर बिहार लौट रहे हजारों यात्रियों को स्टेशन और डिब्बों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
पटना जंक्शन पर यात्रियों की भारी भीड़ है और टिकटों की किल्लत बनी हुई है। संपूर्ण क्रांति, एलटीटी पाटलिपुत्र, श्रमजीवी, पुणे दानापुर, सिकंदराबाद दानापुर और संघमित्रा जैसी प्रमुख ट्रेनों में नो रूम की स्थिति है। आरक्षण काउंटरों और ऑनलाइन बुकिंग में लंबी वेटिंग लिस्ट यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही है।
रेलवे ने भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन यह राहत अब सिरदर्द में बदल रही है। ट्रेनें समय पर नहीं चल पा रही हैं और कई रूटों पर यात्रियों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।
इस बार पूजा स्पेशल ट्रेनों की समयपालन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। कई ट्रेनें सात से दस घंटे तक की देरी से अपने गंतव्य तक पहुंच रही हैं। उधना-जयनगर स्पेशल सात घंटे पांच मिनट की देरी से चली, सोगरिया-कोटा-बरौनी स्पेशल तीन घंटे छह मिनट लेट रही। अन्य ट्रेनें भी घंटों देरी से चल रही हैं।
रेलवे के मुताबिक, दीपावली से लेकर छठ तक के दौरान पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इस समय ट्रैक पर करीब 35% अतिरिक्त ट्रेनों का लोड बढ़ गया है। नियमित ट्रेनों के साथ कई नई और स्पेशल ट्रेनों को भी एक साथ चलाना पड़ रहा है।
लोड अधिक होने के कारण कई बार स्पेशल ट्रेनों को रास्ते में रोककर नियमित ट्रेनों को पास कराया जा रहा है। इससे न सिर्फ समय-सारिणी बिगड़ रही है, बल्कि यात्रियों में भी नाराजगी बढ़ रही है। कई यात्री अपनी कनेक्टिंग ट्रांसपोर्ट और आगे की यात्रा योजनाओं से चूक रहे हैं।
ट्रेनों की लगातार हो रही देरी पर रेलवे ने सख्त रुख अपनाने की तैयारी की है। दानापुर रेल मंडल में पूजा स्पेशल ट्रेनों के संचालन की विशेष निगरानी की जाएगी। मंडल के कंट्रोल रूम में इन ट्रेनों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग होगी और हर दिन की रिपोर्ट पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय को भेजी जाएगी। देरी के कारणों की जांच कर जवाबदेही तय की जाएगी, ताकि त्योहारों के बीच यात्रियों को राहत मिल सके।
लंबी देरी और भीड़भाड़ के कारण कुछ यात्रियों ने स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने के बजाय नियमित ट्रेनों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है। यही कारण है कि कुछ स्पेशल ट्रेनों में बर्थ खाली रह जा रहे हैं, जबकि रेगुलर ट्रेनों में भीड़ और बढ़ गई है। कई यात्री सड़क मार्ग या निजी वाहनों का सहारा भी ले रहे हैं।
बिहार में दीवाली और छठ सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि परिवार से जुड़ने का भावनात्मक अवसर होते हैं। लेकिन इस बार रेलवे की रफ्तार यात्रियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही। सीटों की कमी और स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी ने त्योहारी सफर को चुनौती भरा बना दिया है।
*Pooja Special Train: ट्रैक पर 35% बढ़ा लोड, ट्रेनें घंटों लेट
— Prabhat Khabar (@prabhatkhabar) October 14, 2025
यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, इंतज़ार ही बना सहारा… दानापुर मंडल में मॉनिटरिंग शुरू, सुधार की उम्मीद...#Train #RailwayTrack #Danapur #Bihar #Patna #prabhaatkhabar pic.twitter.com/ItZdC9HIhr
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