पाकिस्तान में पुलिस और TLP समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष, गोलियों से छलनी कई
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पाकिस्तान में गाजा शांति योजना के समर्थन के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) और पुलिस के बीच भीषण झड़प हुई है। इजरायल विरोधी मार्च के दौरान लाहौर में हुई इस झड़प में कम से कम एक पुलिस अधिकारी और कई प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबर है।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे। राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे TLP समर्थकों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद शहर में अराजकता का माहौल है।

पंजाब प्रांत के पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक अधिकारी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हालांकि, उन्होंने प्रदर्शनकारियों के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं दी। वहीं, TLP ने एक बयान में कहा कि उनके कई समर्थक मारे गए हैं और कई घायल भी हुए हैं।

TLP ने आरोप लगाया है कि उनके प्रमुख साद रिजवी भी घायलों में शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में कई गोलियां लगी हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। गोली लगने से पहले, रिजवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ था, जिसमें वे सुरक्षा बलों से गोलीबारी रोकने और बातचीत के लिए तैयार रहने का आग्रह कर रहे थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक अन्य वीडियो में कई वाहन जलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को ले जा रहा एक ट्रक भी शामिल है। ये प्रदर्शनकारी शुक्रवार को पूर्वी पाकिस्तान में शुरू हुए लॉन्ग मार्च का नेतृत्व कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा हुई। पुलिस ने शनिवार को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर फलस्तीन समर्थक रैली निकालने पर अड़े थे। इसी दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, जिसका उन्हें गोलीबारी से सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, TLP और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प तब शुरू हुई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की। समर्थकों की लाहौर में पुलिस से झड़प हुई और बाद में मार्च फिर से शुरू करने से पहले वे पास के मुरीदके कस्बे में डेरा डाल बैठे।

गौरतलब है कि TLP ने पाकिस्तान के 2018 के चुनावों में देश के ईशनिंदा कानून के बचाव के एकमात्र मुद्दे पर प्रचार करके प्रमुखता हासिल की थी। इस कानून में इस्लाम का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है। इसके बाद से ही TLP ने कई हिंसक रैलियां की हैं, खासकर विदेशों में कुरान के अपमान के खिलाफ।

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