इस वर्ष का प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों - अमेरिका के जोएल मोकीर, पीटर हॉविट (अमेरिका) और यूके के फिलिप एघियन - को प्रदान किया गया है।
नोबेल समिति ने उनके उस महत्त्वपूर्ण शोध को सराहा है, जिसने यह स्पष्ट किया कि इनोवेशन (नवाचार) किस प्रकार आर्थिक विकास के नए रास्ते खोलता है।
उनका कार्य इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे तकनीक के तीव्र परिवर्तन और नए उत्पादों व उत्पादन के तरीकों का उदय पुराने को विस्थापित करता है, जिससे निरंतर आर्थिक प्रगति होती है।
यह प्रक्रिया दुनिया भर में लोगों की जीवन गुणवत्ता, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार का आधार बनती है।
विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपए), एक स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में प्रदान किए जाएंगे।
नोबेल समिति ने इन अर्थशास्त्रियों को उनके क्रांतिकारी शोध के लिए चुना है। इन अर्थशास्त्रियों ने इस बात की गहराई से पड़ताल की है कि कैसे इनोवेशन (नवाचार) और तकनीकी प्रगति लगातार आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
उनका सिद्धांत बताता है कि आर्थिक विकास एक स्थिर प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक गतिशील चक्र है जहाँ नए उत्पाद और उत्पादन के तरीके लगातार पुराने को अप्रचलित (obsolete) करते रहते हैं।
यह प्रक्रिया, जिसे अक्सर रचनात्मक विनाश कहा जाता है, ही निरंतर प्रगति का मूल है, जो अंततः विश्वभर में जीवन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य और समग्र जीवन स्तर में सुधार लाती है।
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कारों के इतिहास में भारतीयों का योगदान भी उल्लेखनीय रहा है। इसमें अमर्त्य सेन (1998) और अभिजीत बनर्जी (2019) ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अमर्त्य सेन को गरीबी को समझने और मापने के लिए नए तरीके विकसित करने तथा अकाल के कारणों व सार्वजनिक भलाई को बढ़ाने पर उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया था।
अभिजीत बनर्जी को उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने हेतु नोबेल मिला।
नोबेल पुरस्कारों की स्थापना 1895 में स्वीडिश वैज्ञानिक और आविष्कारक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की वसीयत के आधार पर की गई थी। इन पुरस्कारों को पहली बार 1901 में प्रदान किया गया।
BREAKING NEWS
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 13, 2025
The Royal Swedish Academy of Sciences has decided to award the 2025 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel to Joel Mokyr, Philippe Aghion and Peter Howitt “for having explained innovation-driven economic growth” with one half to Mokyr… pic.twitter.com/ZRKq0Nz4g7
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