कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खरगे के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. प्रियांक ने सरकारी परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
प्रियांक, जो ग्रामीण विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी हैं, का आरोप है कि आरएसएस सरकारी स्कूलों, खेल के मैदानों और मंदिरों में शाखाएं लगाकर बच्चों और युवाओं में विभाजनकारी विचार फैला रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से ऐसे कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह करते हुए इन्हें असंवैधानिक और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया है.
इसके जवाब में, कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की 2002 की एक पुरानी तस्वीर साझा की है. तस्वीर में खरगे, जो उस समय राज्य के गृह मंत्री थे, बेंगलुरु के नागवारा में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होते दिख रहे हैं.
भाजपा ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि आज प्रियांक खरगे आरएसएस के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन क्या वे भूल गए हैं कि 2002 में उनके पिता मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वयं आरएसएस के शिविर का दौरा किया था?
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि खरगे ने आरएसएस की सामाजिक सेवा गतिविधियों की सराहना की थी और पूरा सहयोग दिया था. भाजपा ने सवाल उठाया कि क्या प्रियांक खरगे आलाकमान को खुश करने के लिए नाटक कर रहे हैं और उन्हें अपने परिवार का इतिहास जानने की सलाह दी.
प्रियांक खरगे ने भाजपा के दावों को झूठा प्रचार बताया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पिता अधिकारियों और समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ एक शांति समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद उस स्थल पर गए थे.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी प्रियांक खरगे की मांग पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने मुख्य सचिव को मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मुख्य सचिव को तमिलनाडु की तरह ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
ಇಲ್ಲೊಮ್ಮೆ ನೋಡಿ @PriyankKharge !
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) October 12, 2025
ಇಂದು ನೀವು ಆರೆಸ್ಸೆಸ್ ವಿರುದ್ಧ ವಿಷ ಕಾರುತ್ತಾ ಸಂಘದ ಚಟುವಟಿಕೆ “ನಿಷೇಧಿಸಬೇಕು” ಎಂದು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದೀರ. ಆದರೆ 2002ರಲ್ಲಿ ಬೆಂಗಳೂರಿನ ನಾಗವಾರದಲ್ಲಿ ನಡೆದ ಸಮರಸತಾ ಸಂಗಮ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ, ಅಂದು ಗೃಹಸಚಿವರಾಗಿದ್ದ ನಿಮ್ಮ ತಂದೆ ಮಲ್ಲಿಕಾರ್ಜುನ ಖರ್ಗೆ ಅವರು ಸ್ವತಃ ಆ ಶಿಬಿರಕ್ಕೆ ಭೇಟಿ… https://t.co/rCjUtLvk5y pic.twitter.com/kTdiNm9weu
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