पाकिस्तानी मीडिया में हाल ही में आई खबरों के अनुसार अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) की आपूर्ति की मंजूरी दी गई थी।
अब इस मुद्दे पर अमेरिका का स्पष्टीकरण आया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को ऐसी कोई भी मिसाइल देने से इनकार कर दिया है।
भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्तान को मिसाइल बिक्री की मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। अमेरिका ने बयान जारी कर कहा है कि इस खरीद में पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं में कोई सुधार शामिल नहीं है।
पहले खबरों में कहा गया था कि रेथियॉन कंपनी के साथ 2.5 अरब डॉलर के सौदे में पाकिस्तान को AIM-120 के C8 और D3 वेरिएंट्स मिलेंगे, जिनकी डिलीवरी मई 2030 तक पूरी होगी। यह सौदा पाकिस्तान की वायु सेना को मजबूत कर सकता था।
अमेरिका के युद्ध विभाग ने 30 सितंबर 2025 को एक लिस्ट जारी की थी जिसमें पाकिस्तान सहित कई देशों के साथ पुराने रक्षा समझौते में कुछ बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति से जुड़ा है।
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि यह अनुबंध संशोधन पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं में किसी भी प्रकार के अपग्रेडेशन से संबंधित नहीं है। दूतावास ने आगे कहा कि इस अनुबंध में पाकिस्तान सहित कई सहयोगी राष्ट्र शामिल हैं, और यह केवल रखरखाव और मौजूदा प्रणालियों की मरम्मत से जुड़ा हुआ है।
दूतावास के बयान में मीडिया रिपोर्टों को गलत बताते हुए कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट में कहीं नहीं लिखा गया है कि अमेरिका, पाकिस्तान को नई मिसाइलें देने जा रहा है। ना ही इसमें कहीं लिखा गया है कि अमेरिका, पाकिस्तान के जो मिसाइलें पहले से मौजूद हैं, उनका ही अपग्रेडेशन करने वाला है, बल्कि ये सिर्फ मरम्मत तक शामिल है।
इससे पहले, पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि अमेरिका से मिसाइल मिलने से पाकिस्तान के F-16 बेड़े की क्षमता में इजाफा होगा।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के अनुसार, अमेरिका के युद्ध मंत्रालय (DOW) द्वारा हाल ही में अधिसूचित एक हथियार अनुबंध में एआईएम-120 एएमआरएएएम के खरीदारों में पाकिस्तान का भी नाम शामिल है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि पाकिस्तान को कितनी नयी एएमआरएएएम मिसाइलें दी जाएंगी।
AIM-120 AMRAAM एक फायर एंड फॉरगेट मिसाइल है जो अमेरिकी वायुसेना की उन्नत एयर-टू-एयर हथियार प्रणाली है। यह सॉलिड-फ्यूल रॉकेट मोटर से संचालित होती है और लगभग 4,900 किमी/घंटा की गति से चलती है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ने रेथियॉन कंपनी को 41.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एक संशोधित अनुबंध जारी किया था, जिसके तहत AIM-120 मिसाइलों के C8 और D3 वर्जन के उत्पादन और सपोर्ट का कार्य शामिल है।
US Embassy in India issues a clarification on media reports of missile sales to Pakistan. It states, The sustainment does not include an upgrade to any of Pakistan s current capabilities. pic.twitter.com/zILlcs8QJD
— ANI (@ANI) October 10, 2025
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