कभी किया था रिजेक्ट, अब गूगल इंडिया ने बनाया स्टार्टअप हेड: रागिनी दास की प्रेरणादायक कहानी
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गुरुग्राम की रागिनी दास की कहानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो लगातार प्रयास करते रहते हैं। 13 साल की मेहनत के बाद आखिरकार उन्हें गूगल इंडिया में स्टार्टअप हेड का पद मिला है। यह न केवल उनकी सफलता है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो गूगल में नौकरी करने का सपना देखती हैं।

रागिनी दास का जन्म और पालन-पोषण गुरुग्राम में हुआ। उन्होंने चेन्नई के चेट्टीनाड विद्याश्रम से शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने नौकरी करना शुरू कर दिया था और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया।

रागिनी के करियर की शुरुआत 2012 में ट्राइडेंट ग्रुप इंडिया से हुई। उन्होंने मार्केटिंग क्षेत्र में भी काम किया और यूरोप और अमेरिका में मार्केटिंग से जुड़े कार्यों में योगदान दिया। 2013 में उन्होंने पहली बार गूगल के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।

इसके बाद रागिनी ने जोमैटो में सेल्स एंड मार्केटिंग मैनेजर के पद पर काम किया। उन्होंने 6 साल तक कंपनी को अपनी सेवाएं दीं और 2017 में जोमैटो गोल्ड की फाउंडिंग टीम का हिस्सा बनीं। उन्होंने फिलीपींस, कतर और लेबनान जैसे 10 अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में जोमैटो गोल्ड को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जोमैटो के बाद, रागिनी लीप.क्लब की सह-संस्थापक बनीं। 2012 से 2020 तक उन्होंने हजारों महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने में मदद की और महिला सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणा बनीं।

अब 2025 में, उन्हें गूगल इंडिया में स्टार्टअप हेड के पद पर काम करने का अवसर मिला है।

रागिनी दास ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, जिंदगी का चक्र पूरा हो गया है। मैं यह बताते हुए बहुत खुश हूं कि मैंने गूगल इंडिया में स्टार्टअप हेड के रूप में ज्वाइन किया है। 2013 में, मैंने दो इंटरव्यू दिए थे - एक गूगल में और दूसरा जोमैटो में। तब गूगल ने मुझे मौका नहीं दिया था।

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