मनाली, हिमाचल प्रदेश से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मनाली हाईवे पर बने एक फ्लाईओवर के क्षतिग्रस्त खंभे को रेत की बोरियों से अस्थायी रूप से ठीक किया गया है।
कुल्लू, मनाली और उत्तरी क्षेत्रों को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग पर इस जुगाड़ वाली मरम्मत ने सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों के बीच बहस छेड़ दी है।
जानकारी के अनुसार, मानसून के दौरान पंडोह-टकोली खंड पर भारी असर पड़ा था। भूस्खलन के कारण एक पहाड़ी के कुछ हिस्से फ्लाईओवर के गर्डरों और खंभों पर गिर गए थे। जिसके कारण फ्लाईओवर के कुछ हिस्से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
वाहनों के लिए खतरा देखते हुए अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त खंभे के नीचे अस्थायी सपोर्ट बनवा दिया। इसके लिए अधिकारियों ने रेत से भरी बोरियों का इस्तेमाल किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अब तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे देसी जुगाड़ बता रहे हैं।
वायरल वीडियो में फ्लाईओवर के नीचे चलती कारें दिखाई दे रही हैं, जैसे ही कैमरा घूमता है वह फ्लाईओवर के क्षतिग्रस्त खंभे को कैद करता है जहां अस्थायी सपोर्ट के लिए रेत की बोरियां रखी गई हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे खतरनाक बता रहे हैं, तो कुछ मजाकिया अंदाज़ में अपनी राय रख रहे हैं।
एक यूजर ने टिप्पणी की कि मनाली जैसे प्रमुख राजमार्ग पर क्षतिग्रस्त फ्लाईओवर खंभे को सहारा देने के लिए रेत की बोरियों का उपयोग इंजीनियरिंग सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंताजनक है। रेत की बोरियां केवल अस्थायी सपोर्ट प्रदान कर सकती हैं और गतिशील भार को संभालने के लिए डिजाइन की गई पेशेवर शोरिंग प्रणालियों का विकल्प नहीं बन सकतीं।
एक अन्य ने कहा कि भारतीय प्रशासन बिना किसी जवाबदेही के भारत के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। किसी और ने टिप्पणी की कि यह एक जुआ है जिसमें कई जानें दांव पर लगी हैं!
एक व्यक्ति ने लिखा कि इसमें कुछ सीमेंट की बोरियां और कुछ स्टील की छड़ें जोड़ देनी चाहिए थीं ताकि समय के साथ यह अपने आप ही प्रबलित कंक्रीट बन जाता। एक दर्शक ने इसे विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा कहा, जबकि एक अन्य ने मजाक में सुझाव दिया कि वाटरप्रूफ टेप भी लगा दो।
बढ़ती ऑनलाइन प्रतिक्रिया के जवाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह खंड कुल्लू और लेह के अग्रिम क्षेत्रों को जोड़ने वाला एकमात्र संपर्क मार्ग है, इसलिए इस खंड के नीचे सुरक्षित आवाजाही बनाए रखने और निर्बाध आवश्यक आपूर्ति और यातायात सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है।
एनएचएआई ने कहा कि इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण किया है और जल्द ही क्षतिग्रस्त खंभों को हटाने के लिए योजना बनाई जाएगी।
*This is how the damaged pier of the flyover on Manali highway has been given support using sand bags. Any engineer expert want to comment something here? pic.twitter.com/H9tHITqeVq
— 🚨Indian Gems (@IndianGems_) October 5, 2025
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