हादसा या मर्डर... जुबीन गर्ग का कातिल कौन?
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प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की मौत के कारणों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा। 19 सितंबर को हुई मौत, जिसे पहले एक हादसा माना जा रहा था, अब संदिग्धता के घेरे में है। तेरह दिन बीत चुके हैं और शक और जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।

सीआईडी की एसआईटी जांच कर रही है कि क्या जुबीन की मौत कोई साजिश थी या सिर्फ एक दुर्घटना। सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबीन की मौत पर उनके परिवार को विश्वास नहीं हो रहा है। उनकी पत्नी का कहना है कि लापरवाही के कारण जुबीन की जान गई।

गरिमा गर्ग ने केस दर्ज करवाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जुबीन सिंगापुर में नॉर्थ इंडिया फिल्म फेस्टिवल में जाने के इच्छुक नहीं थे क्योंकि वे अपने एक दूसरे प्रोजेक्ट में व्यस्त थे। लेकिन ऑर्गनाइजर और दोस्त श्यामकानु महांता के बार-बार कहने पर वह जाने को राजी हुए थे। इसलिए घटना के समय वहां मौजूद सभी लोग शक के दायरे में हैं। उन्होंने ऑर्गनाइजर, मैनेजर, टीम के लोगों, सभी पर संदेह जताया है।

20 सितंबर को जुबीन का कार्यक्रम था, लेकिन 19 को ही स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी जान चली गई। स्कूबा डाइविंग के दौरान मौत का आंकड़ा बहुत कम है। करीब 2 लाख डाइव्स में कभी किसी एक की मौत होती है। वैश्विक स्तर पर अगर देखें तो साल में करीब 250 लोगों की मौत स्कूबा डाइविंग के दौरान होती है। इसीलिए जुबीन का परिवार हार्ट अटैक और लापरवाही का शक जता रहा है।

इस शक के बीच एसआईटी की टीम असली कारणों का पता लगा रही है। जुबीन के करीबी और ऑर्गेनाइजर श्यामकानु महांता को सिंगापुर से लौटते ही दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को उसके खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया था।

पुलिस ने जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को भी गुरुग्राम के पास से गिरफ्तार कर लिया है। जांच टीम को सिद्धार्थ शर्मा के पास से जुबीन गर्ग के मोबाइल, लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर हार्ड डिस्क मिल चुके हैं। पुलिस ने सभी बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फॉरेंसिक जांच के लिए उसे लैब भेज दिया है। कोर्ट ने सिद्धार्थ और श्यामकानु को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पूछताछ के दौरान सच्चाई तक पहुंचने में पुलिस को अहम सुराग मिल सकता है।

यह घटना सिंगापुर में हुई थी। जांच टीम वहां जाकर भी पड़ताल करने की तैयारी में है, क्योंकि सिंगापुर के साथ भारत की कानूनी सहायता संधि है। सिंगापुर में जांच के लिए भी असम सरकार और गृह मंत्रालय ने वहां के अधिकारियों को पत्र लिखा है। संधि के मुताबिक सिंगापुर में भारतीय अधिकारियों को जांच के दौरान मदद चाहिए होगी तो सिंगापुर सरकार देगी, जैसे सबूत, पेशी आदेश हासिल करना, तलाशी या जब्ती करने में सिंगापुर सरकार मदद करेगी।

असम सरकार का कहना है कि सत्य का पता लगाने में रत्तीभर भी कोताही नहीं बरती जाएगी। सरकार को पता है कि असम में जुबीन गर्ग होने का अर्थ क्या है? जुबीन गर्ग की मौत से असम के आम आदमी किस तरह आहत हैं, यह उनके अंतिम संस्कार में दिखा था। यही कारण है कि सच्चाई का पता लगाने के लिए CID की SIT जांच पड़ताल कर रही है।

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