राजधानी दिल्ली में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का शताब्दी समारोह आयोजित हुआ। डॉ. आम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर विशेष रूप से डिजाइन किया हुआ स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया, जो राष्ट्र के प्रति आरएसएस के योगदान को रेखांकित करता है।
शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान डॉ. हेडगेवार और अनेक संघ कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार स्वयं नागपुर जेल में बंद थे और संघ ने अनेक स्वतंत्रता सेनानियों का समर्थन किया।
पीएम मोदी ने 100 रुपये का सिक्का जारी किया। उन्होंने कहा कि इसके एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक है, वहीं दूसरी तरफ भारत माता की छवि है, जो सिंह पर वरद मुद्रा में विराजमान हैं और स्वयंसेवक समर्पण के साथ उनके सामने नतमस्तक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि हमारी मुद्रा पर भारत माता की छवि दिखाई गई है।
विशेष डाक टिकट का भी अपना महत्व है। पीएम ने याद दिलाया कि 1963 में आरएसएस स्वयंसेवकों ने गणतंत्र दिवस परेड में गर्व से भाग लिया था और इस डाक टिकट पर उस ऐतिहासिक क्षण की छवि है।
पीएम मोदी ने कहा कि 1984 में सिख नरसंहार के दौरान कई सिख परिवारों ने आरएसएस स्वयंसेवकों के घरों में शरण ली थी। उन्होंने पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और वायनाड में आई त्रासदियों के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा की गई मदद का भी उल्लेख किया। उन्होंने दुनिया द्वारा कोविड महामारी के दौरान आरएसएस के साहस और सेवा को भी याद किया।
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि आरएसएस को निशाना बनाकर उसके खिलाफ षड्यंत्र रचे गए। स्वतंत्रता के बाद भी आरएसएस को कुचलने के प्रयास किए गए और उसे मुख्यधारा में आने से रोकने के लिए अनगिनत षड्यंत्र किए गए।
उन्होंने कहा कि गुरुजी डॉ. हेडगेवार को झूठे केस में फंसाया गया और जेल तक भेज दिया गया। जेल से बाहर आने पर उन्होंने कहा था कि कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते हैं, क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है।
पीएम ने कहा कि संगठन के विरुद्ध तमाम प्रतिबंधों और षड्यंत्रों के बावजूद, आरएसएस में कभी किसी के प्रति कटुता की कोई जगह नहीं रही, क्योंकि हम समाज से अलग नहीं हैं, बल्कि उसका एक हिस्सा हैं। आरएसएस स्वयंसेवकों का देश की संवैधानिक संस्थाओं में अटूट विश्वास है।
पीएम मोदी ने 1962 के युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा सेना की सहायता करने और मनोबल बढ़ाने के लिए दिन-रात खडे़ रहने और सीमावर्ती गांवों तक मदद पहुंचाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को स्वयंसेवकों द्वारा भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने की बात भी कही।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के समय की चुनौतियां और संघर्ष अलग हैं। दूसरे देशों पर आर्थिक निर्भरता, हमारी एकता को तोड़ने की साजिशें, जनसांख्यिकी बदलने की साजिश है। उन्होंने कहा कि सरकार इन सभी मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपट रही है।
*#WATCH | Delhi | PM Narendra Modi releases a specially designed commemorative postage stamp and coin highlighting the RSS’ contributions to the nation, on the occassion of the organisation s centenary celebrations.
— ANI (@ANI) October 1, 2025
Source: DD pic.twitter.com/8pMYdvMXzK
बेकाबू ट्रैक्टर! खेत में हुआ तूफानी मंजर, दंग रह गए लोग
लाइव मीटिंग में महिला ने उतारे कपड़े, मचा हड़कंप!
राजस्थान में जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दशहरा पर मौसम का नया अलर्ट!
ऋषि कपूर की नन्ही तस्वीर, लता मंगेशकर से अनमोल नाता
बेरहम नेवले ने कोबरा को कुचला, खूनी जंग का वायरल वीडियो!
आखिर घोड़े ने समझ ली बच्चे के मन की बात, पूरी कर दी हसरत
कौन हैं सलाम बयाश? गरीबी में तिलक वर्मा को खाना, छत और कोचिंग देने वाले मसीहा
दिल्ली में बारिश का कहर: युवक पानी में बहा, नाले में गिरा; वीडियो वायरल
आप भी एक आदिवासी, समझ सकती हैं हमारा दर्द : सोनम वांगचुक की पत्नी का राष्ट्रपति को पत्र, रिहाई की मांग
दिल्ली में RSS का शताब्दी समारोह, PM मोदी ने जारी किया स्पेशल डाक टिकट और सिक्का