हमारे हाथ पैर मत काटिये, हमें गोली मरवा दीजिये... राजा भैया की बेटी की सीएम योगी से गुहार
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राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, राजा भैया की बड़ी बेटी राघवी सिंह पहली बार सामने आई हैं।

राघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की अपील की है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में न्याय पाने की कोशिश करने पर उल्टे लोगों पर नए मुकदमे दर्ज हो जाते हैं। राघवी का आरोप है कि यह सब सीएम योगी की जानकारी और संरक्षण में हो रहा है।

उनका कहना है कि उन्हें उसी यूपी में बुलाया जा रहा है, जहां पहले उन पर गोली चल चुकी है और जहां से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल चुकी है।

राघवी ने बताया कि उनकी मां पर दबाव बनाने के लिए अजय राणा नामक व्यक्ति के जरिए अयोध्या में झूठा परिवाद दर्ज कराया गया है। इसी मामले में एफआईआर दर्ज कराकर 15 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का वारंट जारी हुआ है। उनका कहना है कि इस तरह के झूठे मुकदमों से परिवार को परेशान किया जा रहा है।

पिछले एक हफ्ते से दोनों पक्ष सोशल मीडिया पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। दो दिन पहले भानवी सिंह ने X पर लिखा था - प्रिय बेटा बड़कू। सुना है कपूत बेटा होता है, लेकिन मां को कुमाता कहना मुश्किल है। यकीन नहीं होता कि मेरा बेटा भी कपूत साबित हो सकता है।

इससे पहले उनके बेटे शिवराज ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि उनकी मां भानवी सिंह अपनी बीमार मां को जूतों से मारती हैं। शिवराज की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए छोटी बेटी बृजेश्वरी ने लिखा - मां हमसे बहुत प्यार करती हैं। क्या तुम सच में मां के बजाय किसी और का पक्ष ले रहे हो? भाई, इसे पारिवारिक ड्रामा मत बनाओ।

3 मिनट के वीडियो में राघवी ने कहा कि उन्होंने सीएम योगी से सख्त माँग की है, अगर सरकार हमारी सुरक्षा और न्याय नहीं दे सकती, तो हमारी जिंदगी को यूँ धीरे-धीरे तबाह करने के बजाय एक बार में ही खत्म कर दें।

उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार छोटे-छोटे तरीकों से नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो वे बर्दाश्त नहीं कर पाएँगे।

राघवी ने बताया कि हज़रतगंज थाने में भी उनकी माँ के खिलाफ झूठे मुकदमे और एफआईआर दर्ज कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डीसीपी का कहना है कि उन्हें मामला नहीं पता, जबकि एसएचओ ऊपर से आदेश होने की बात कह रहे हैं।

राघवी ने यह भी बताया कि उनके पास इन बातों के वॉइस रिकॉर्डिंग हैं, वह बिना सबूत के कुछ नहीं बोलतीं। वह बताती हैं कि गृह मंत्रालय और आंतरिक सुरक्षा विभाग ने यूपी पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया है, फिर भी स्थानीय पुलिस उनकी माँ पर ही दबाव बना रही है।

राघवी का कहना है कि केंद्र ने स्पष्ट लिखा है कि सबूत ही सबकुछ होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जान लेने की धमकी के बावजूद उन्होंने सबूतों के साथ गोला-बारूद, असॉल्ट राइफल, मशीनगन, नाइन-एमएम पिस्टल और अन्य हथियारों की जानकारी व लोकेशन भी सौंपी, फिर भी उनके ऊपर झूठे मुकदमे ही दर्ज किए जा रहे हैं।

उन्हें उसी जगह बुलाया जा रहा है जहाँ पहले उन पर गोली चली है, इसलिए उनकी और परिवार की जान को रियल खतरा है।

राघवी कहती हैं कि यह सब प्रशासन और सरकार के संरक्षण में हो रहा है। क्षत्रिय धर्म हमें किसी भी तरह के अन्याय या सत्ता से अलग हटकर काम करने की सीख नहीं देता।

कहा जा रहा है कि जब केंद्र ने जांच के आदेश दिए तब भी यूपी सरकार और स्थानीय प्रशासन ने उनकी मां को दबाने के लिए फर्जी शिकायतें दर्ज करवाईं।

उन्हें उसी जगह बुलाया जा रहा है जहाँ पहले उन पर हमला हुआ था और राघवी का डर है कि वे उन्हें खुलेआम मरवा देंगे।

उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी मनमाने तरीके से बदल दी जाएगी और उन्हें पागल घोषित कर दिया जाएगा। फिर उन्हें जीवनभर सड़क पर न्याय की भीख मांगनी पड़ेगी।

राघवी का आरोप है कि बाहुबल, पैसा और मुख्यमंत्री के समर्थन के सहारे ये लोग सालों से परिवार को तंग कर रहे हैं।

घरेलू झगड़े में उनकी मां को फेफड़ों में चोट आई थी, पर अस्पताल की रिपोर्ट बदलवा दी गई और जरूरी इंटरवेंशन नहीं कराया गया। खून सूखने की वजह से फेफड़ों को नुकसान पहुंच रहा है, इस बात की रिपोर्टें एम्स, दिल्ली की भी हैं।

दिल्ली पुलिस कार्रवाई के लिए लखनऊ गई, तब दिनदहाड़े गवाहों के घर यूपी पुलिस के गनरों ने जाकर उन्हें धमकाया और चुप करा दिया।

इतने ठोस सबूत होने के बाद भी स्थानीय पुलिस का रवैया है कि सब ठीक है, और असल कार्रवाई न के बराबर हो रही है।

राघवी सवाल करती हैं, गोली चलाई जा चुकी है, जान से मारने की धमकियाँ मिली हैं, फिर वे किस हिम्मत से यूपी में जाकर केस लड़ें? यहां न्याय मांगने की कोशिश करने पर ही नए-नए मुकदमे थोप दिए जाते हैं।

उनका आरोप है कि यह सब मुख्यमंत्री के संज्ञान में होने के साथ-साथ उनके समर्थन व संरक्षण में भी हो रहा है।

अंत में राघवी ने कहा कि वे योगी जी से खुद अपील कर रही हैं, अगर सरकार उनकी सुरक्षा और न्याय नहीं दे सकती, तो वे बस इतना ही पूछते हैं: या तो उन्हें सुरक्षा और न्याय दीजिए, या फिर उन तीनों को एक साथ समाप्त कर दीजिए, ताकि धीरे-धीरे ज़िन्दगी बर्बाद न हो।

वे कहती हैं कि वर्षों से पीड़ा झेलते-झेलते उनकी मां की सेहत बिगड़ रही है और पूरा परिवार टूट रहा है।

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