बरेली बवाल पर सीएम योगी का कड़ा रुख: मौलाना भूल गए किसकी है सत्ता, अब न नाकाबंदी, न कर्फ्यू, ऐसा सबक सिखाएंगे कि पीढ़ी दंगा भूल जाएगी
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बरेली में हालिया बवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार किया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बरेली में एक मौलाना भूल गया कि राज्य में किसकी सरकार है। उन्हें लगा कि वे जब चाहें व्यवस्था को रोक सकते हैं, लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया कि न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू लगेगा।

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जो सबक सिखाया गया है, उससे आने वाली पीढ़ियां दंगा करने से पहले दो बार सोचेंगी। उन्होंने सवाल उठाया कि यह व्यवस्था को रोकने का कैसा तरीका है? उन्होंने याद दिलाया कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में यही चलन था, लेकिन 2017 के बाद उनकी सरकार ने कर्फ्यू तक नहीं लगने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है।

इससे पहले, बरेली में हुए बवाल के बाद सीएम योगी ने अपने आवास पर कानून व्यवस्था की बैठक बुलाई थी। बैठक में वरिष्ठ अधिकारी और फील्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति दोहराते हुए कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बैठक में कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, संभल, आगरा और बरेली के पुलिस प्रमुखों को फटकार लगाई गई और उन्हें निर्देश दिया गया कि उपद्रवियों को चिन्हित कर ऐसा सबक सिखाया जाए कि वे दोबारा अराजकता फैलाने की सोच भी ना सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई के साथ कुचल देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि पर्व-त्योहारों के अवसर पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अशांति फैलाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरा बुराई और आतंक के दहन का पर्व है। उपद्रवियों पर ऐसी कार्रवाई हो कि वे दोबारा कभी इस गलती की सोच भी न सकें। कार्रवाई के लिए किसी और समय का इंतज़ार न करें, यही समय है, सही समय है।

उन्होंने हाल के दिनों में कानपुर नगर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली में आपत्तिजनक जुलूस और भड़काऊ नारेबाजी की घटनाओं पर नाराजगी जताई और कहा कि यह सब प्रदेश का माहौल खराब करने की एक सुनियोजित साजिश है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए, आयोजकों और मास्टरमाइंड की पहचान कर उनकी संपत्ति तक की जांच हो। उन्होंने कहा कि इन जुलूसों में शामिल एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए। वीडियो फुटेज खंगालें, सोशल मीडिया की मॉनीटरिंग करें और हर एक उपद्रवी पर कार्रवाई करें।

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