देश भर के नेताओं ने आज हिंदी दिवस पर अपनी शुभकामनाएं दीं और हिंदी भाषा की महत्ता पर अपने विचार साझा किए। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर संदेश साझा कर हिंदी को राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति और एकता की पहचान बताया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी को राष्ट्र की चेतना बताते हुए कहा कि यह न केवल मातृभाषा है बल्कि देश की संस्कृति और गौरव का प्रतीक भी है। उन्होंने लोगों से सामान्य बोलचाल में हिंदी शब्दों को प्राथमिकता देने और इस भाषा को समृद्ध बनाने का प्रण लेने का आह्वान किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी को एकता का आधार और अस्मिता का प्रहरी बताया। उन्होंने कहा कि यह भाषा भारतीयों को एक सूत्र में बांधती है और परंपराओं की संवाहक है। उन्होंने हिंदी के अधिक प्रयोग और उसके वैश्विक प्रसार में भागीदार बनने की अपील की।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंदी भाषा की सरलता और शालीनता की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हिंदी का वैश्विक प्रभाव बढ़ रहा है और यह भारत की एकता की सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदी को देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बताते हुए इसे राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान कहा। उन्होंने कहा कि बिहार में राजभाषा के रूप में हिंदी को सम्मान और गर्व के साथ अपनाया जाता है और सरकारी कामकाज में इसका उपयोग किया जाता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी न केवल एक भाषा है बल्कि संस्कृति और परंपराओं के प्रति वैश्विक रुचि का प्रतीक भी है। उन्होंने दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार में लगे लोगों को विशेष रूप से सम्मानित किया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिंदी को भारतीय संस्कारों, जीवन मूल्यों और आदर्शों की संवाहक भाषा बताया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हिंदी ने देश को एकता के सूत्र में बांधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विश्वास जताया कि हिंदी भविष्य में भी देश की विविध भाषाओं के साथ मिलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देती रहेगी।
हिंदी दिवस की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2025
हिंदी हमारी एकता का आधार और अस्मिता की प्रहरी है। समस्त भारतीयों को एक सूत्र में पिरोती हमारी परंपराओं की संवाहिका हिंदी हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।
आइए, हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग व वैश्विक प्रसार हेतु संकल्पित हों, इसके विकास… pic.twitter.com/tnYDZJ9uVY
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