नेपाल की जेलों से फरार हुए 35 कैदियों को सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, 22 कैदियों को उत्तर प्रदेश में, 10 को बिहार में और तीन को पश्चिम बंगाल में हिरासत में लिया गया है।
यह कार्रवाई नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जेलों में हुई भगदड़ के बाद की गई है। अधिकारियों का कहना है कि नेपाल से भागे कैदियों की संख्या अभी भी बढ़ रही है, जिसके चलते सीमा पर सतर्कता और निगरानी और अधिक सख्त कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गिरफ्तारियां सिद्धार्थनगर जिले में हुईं, जहां SSB ने 22 कैदियों को हिरासत में लिया। इनमें से पांच कैदियों को 10 सितंबर को एक त्वरित कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया, जब वे अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, ये कैदी नेपाल की काठमांडू स्थित डिल्लीबाजार जेल से फरार हुए थे। उनके पास कोई वैध पहचान पत्र नहीं था, जिसके चलते SSB ने उन्हें हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये कैदी नेपाल में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जेल में फैली अराजकता का फायदा उठाकर भागे थे।
1,751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा को सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने और भी सख्त कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने सभी 26 पारस्परिक व्यापार मार्ग, 15 यातायात मार्ग, छह एकीकृत जांच चौकियां और 11 सीमा जांच चौकियां हाई अलर्ट पर रखी हैं।
SSB की खुफिया इकाई सीमावर्ती गांवों में निगरानी कर रही है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ और गलत सूचनाओं को रोका जा सके। महिला कर्मियों को भी कई जांच चौकियों पर तैनात किया गया है, ताकि नेपाल से अचानक प्रवेश की स्थिति जैसी किसी भी आपात स्थिति को तुरंत संभाला जा सके।
सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने महाराजगंज, सीतामढ़ी, रक्सौल और सुपौल जिलों में फ्लैग मार्च आयोजित किए, ताकि सीमा पर अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया जा सके। इस कदम से न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय लोगों और अधिकारियों को भी सीमा पर हालात पर निगरानी का भरोसा मिला है।
SSB की साइबर विंग सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या भ्रम फैलाने वाली खबरों से सीमा पर स्थिति प्रभावित न हो।
बिहार में SSB ने 10 विचाराधीन कैदियों को हिरासत में लिया, जो नेपाल की जेलों से भागकर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। ये कैदी 10 सितंबर को पकड़े गए और उन्हें आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए बिहार पुलिस के हवाले किया गया।
पश्चिम बंगाल में तीन अन्य कैदियों को सीमा पर पकड़ने में सफलता मिली। अधिकारियों के अनुसार, ये गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि भारत के सुरक्षा बल सीमा पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हैं।
नेपाल में जेन-जी के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने देश में गंभीर अशांति पैदा कर दी है। इन प्रदर्शनों के दौरान, काठमांडू की डिल्लीबाजार जेल समेत महोत्तरी, नवलपरासी पश्चिम और सप्तारी जैसे क्षेत्रों में कई जेलब्रेक की घटनाएं हुई हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने एक जेल में आग लगाने की कोशिश की, जिससे कई कैदी भागने में सफल रहे। नेपाल पुलिस की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण रही, कई थाने खाली कर दिए गए और केवल पुलिस मुख्यालय पर अधिकारी मौजूद थे, जिससे अराजकता और बढ़ गई।
नेपाल सेना को तुरंत जेलों के आसपास तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और आगे किसी अप्रत्याशित घटना को रोका जा सके। पश्चिमी नेपाल की एक जेल में सुरक्षाकर्मियों और बंदियों के बीच हुई झड़प में कम से कम पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई है।
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देश की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी फरार हो गए हैं। बढ़ती हिंसा और अराजकता को देखते हुए नेपाल सरकार ने सेना की मदद से बुधवार को देशभर में कड़े प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। हालात काबू में रखने और संभावित हिंसा रोकने के लिए कई जगहों पर कर्फ्यू भी लगाया गया है।
*Sashastra Seema Bal (SSB) has so far apprehended 35 inmates who fled from Nepal jails. Of those, 22 inmates were held on the India-Nepal border in Uttar Pradesh, 10 in Bihar, and three in Bengal. The number is still increasing: Officials pic.twitter.com/qCrXLQQBj3
— ANI (@ANI) September 11, 2025
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