नेपाल में सरकार के खिलाफ जेन-जेड (Gen-Z) युवाओं का आंदोलन लगातार हिंसक रूप लेता जा रहा है. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से शुरू हुआ विरोध अब नेताओं के घरों तक पहुंच गया है. राजधानी काठमांडू और कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा घायल हैं. हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं.
नेपाल सेना के रिटायर्ड कर्नल माधव सुंदर खड़गा ने आरोप लगाया है कि आंदोलन में उनका बेटा लापता हो गया है. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, मैं छह महीने से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में था. मेरा बेटा कल मेरे साथ ही था. शाम चार बजे के बाद उसका फोन बंद हो गया. पुलिस से मदद मांगी तो उन्होंने मुझ पर ही हमला कर दिया. मैं चाहता हूं कि राष्ट्रपति इस सरकार को बर्खास्त करें.
तेजी से बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई. उन्होंने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की. ओली ने कहा, मैं स्थिति पर सभी दलों से संवाद कर रहा हूं और सार्थक समाधान की कोशिश कर रहा हूं. ऐसे कठिन समय में सभी भाई-बहन धैर्य रखें.
प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं और मंत्रियों के आवासों को निशाना बनाया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग का घर जला दिया गया. उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री विष्णु पौडेल और नेपाल राष्ट्र बैंक गवर्नर विश्व पौडेल के घर पर पथराव किया गया. पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घर पर भी हमला हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के आवास तक प्रदर्शनकारी पहुंचे, लेकिन हमले से पहले रोक दिए गए. मुख्य विपक्षी नेता और सीपीएन-एमसी प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड के घर पर भी पत्थरबाजी हुई.
काठमांडू और ललितपुर में भैसेपाटी, सानेपा, च्यासल और केंद्रीय इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है. कवरेपालांचोक में दोपहर 12.15 बजे से कर्फ्यू है, और मुख्य हाईवे पूरी तरह बंद है. कोशी प्रांत (बिराटनगर, मोरंग) में सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है. बीरगंज (पर्सा) में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू है. मकवानपुर में ईस्ट-वेस्ट हाइवे पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दी गई है, और सुरक्षा बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है. काठमांडू में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई. पुलिस ने पथराव कर रहे युवाओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
नेपाल सरकार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है. कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सरकार की दमनकारी कार्रवाई की निंदा की. इससे पहले गृहमंत्री रमेश लेखक ने भी सोमवार को पद छोड़ दिया था और हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी ली.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल की स्थिति पर गहरी चिंता जतायी है और मारे गए युवाओं के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मंत्रालय ने कहा, हम विकास पर लगातार नजर रखे हुए हैं. परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं. सभी पक्ष संयम बरतें और समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान निकालें. भारत ने नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.
सोमवार को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था, जिसके खिलाफ युवाओं ने सड़कों पर उतर कर विरोध शुरू कर दिया. देर रात बैन हटा लिया गया, लेकिन आंदोलन और उग्र हो गया. मंगलवार सुबह से ही बड़ी संख्या में युवाओं ने कर्फ्यू की अवहेलना करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया.
*#WATCH | Nepal protest | Kathmandu: Nepal Army s retired Colonel, Madhav Sundar Khadga says, I was also working on the mega campaign against corruption for 6 months. My son was with me yesterday...I was in a different area near my home. I called him up three times, he did not… pic.twitter.com/rGZdpG6a2A
— ANI (@ANI) September 9, 2025
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