नेपाल में प्रधानमंत्री ओली सरकार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश थमता नहीं दिख रहा है। हिंसक प्रदर्शनों के बीच अब तक ओली सरकार के 5 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और वाटर सप्लाई मंत्री प्रदीप यादव शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने सोशल मीडिया के कई प्रमुख प्लेटफॉर्म से प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने को तैयार नहीं हैं।
खराब होते हालात के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने नेपाल में भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है। MEA ने नेपाल में मौजूद भारतीयों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। मंत्रालय ने कहा है कि वे नेपाल में हो रहे घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और युवा जानों के नुकसान से दुखी हैं।
यति एयरलाइंस ने भी यात्रियों को सलाह दी है कि यदि परिस्थितियां अनुकूल हों तो वे समय पर एयरपोर्ट पहुंचें। एयरलाइन ने टिकट कैंसिल और रिशेड्यूल कराने के लिए अपने कॉल सेंटर और एयरपोर्ट के नंबर भी साझा किए हैं।
उधर, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इलाज के नाम पर दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ओली, उप-प्रधानमंत्री को कार्यवाहक सरकार की जिम्मेदारी सौंपकर दुबई जा सकते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार के प्रवक्ता और सूचना संचार मंत्री के काठमांडू स्थित निजी निवास में आग लगा दी है। लोगों का आरोप है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले में इसी मंत्री का हाथ था।
ओली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की शुरुआत कल हुई थी। प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें करीब 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। ओली की पार्टी के नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री रघुवीर महासेठ के घर पर भी पथराव की खबर है। सत्तारूढ़ दल के नेता शेर बहादुर देउवा के घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया और गाड़ियों में आगजनी की है।
हिंसक प्रदर्शन के बीच काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने रिंग रोड क्षेत्र के भीतर अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। ललितपुर जिला प्रशासन कार्यालय ने भी कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि नेपाल की ओली सरकार ने फेसबुक और X समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। इसके विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए जिसके बाद हालात और अधिक बिगड़ गए। हालांकि सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन के फैसले को वापस ले लिया है, लेकिन हिंसक प्रदर्शन अभी भी जारी है।
*MEA says, We are closely monitoring the developments in Nepal since yesterday and are deeply saddened by the loss of many young lives. Our thoughts and prayers are with families of deceased. We also wish speedy recovery for those who were injured. As a close friend and… pic.twitter.com/uZE20vvLpt
— ANI (@ANI) September 9, 2025
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