भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि आज दुनिया की स्थिति वाकई में चिंताजनक है. बहुपक्षीय प्रणाली विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में विफल होती दिख रही है.
कई गंभीर चुनौतियां अनसुलझी रहने के कारण वैश्विक व्यवस्था पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक है. वर्तमान समय में दुनिया एक स्थिर और पूर्वानुमान योग्य वातावरण चाहती है, जिससे व्यापार और निवेश सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सकें.
अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को प्रभावी ढंग से काम करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना प्राथमिकता होनी चाहिए. भारत दृढ़ता से मानता है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के बुनियादी सिद्धांत खुलेपन, निष्पक्षता, पारदर्शिता और भेदभाव रहित दृष्टिकोण की रक्षा होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सम्मेलन में भाग लेते हुए जयशंकर ने कहा कि जब कई तरह के व्यवधान पैदा हो रहे हैं, तो हमारा लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को और मजबूत, विश्वसनीय, लचीला और छोटा बनाना होना चाहिए.
ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा की अध्यक्षता में हुए शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित ब्रिक्स के अन्य देशों के नेता शामिल हुए. इसका मुख्य एजेंडा अमेरिका की व्यापार और टैरिफ नीतियों से पैदा हुई वैश्विक बाधाओं पर चर्चा करना था.
बढ़ती रुकावटें और लेन-देन को जटिल बनाना किसी के लिए मददगार नहीं होगा. व्यापारिक उपायों को गैर-व्यापारिक मुद्दों से जोड़ना भी उचित नहीं है. दुनिया को स्थायी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
जयशंकर ने सुझाव दिया कि ब्रिक्स समूह अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके उदाहरण पेश कर सकता है. भारत के सबसे बड़े व्यापार घाटे ब्रिक्स साझेदारों के साथ हैं, और भारत लंबे समय से शीघ्र समाधान की मांग कर रहा है.
भारत का चीन के साथ बढ़ता व्यापार घाटा इस संदर्भ में विशेष महत्व रखता है.
जयशंकर ने कोविड महामारी के दुष्प्रभाव, यूक्रेन और मध्य पूर्व में जारी बड़े संघर्षों, व्यापार व निवेश प्रवाह में अस्थिरता और चरम जलवायु घटनाओं को हाल के वर्षों की प्रमुख चुनौतियों के रूप में गिनाया. इन चुनौतियों के बीच, बहुपक्षीय प्रणाली दुनिया की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है. इतनी सारी गंभीर समस्याओं के अनसुलझे रह जाने का असर वैश्विक व्यवस्था पर पड़ना स्वाभाविक है.
#WATCH | During the virtual Summit of BRICS Leaders, EAM Dr S Jaishankar says, The world today also seeks an urgent resolution of ongoing conflicts. The Global South has experienced a deterioration in its food, energy and fertilizer security. Where shipping is targeted, not just… pic.twitter.com/6XbCRbYK4I
— ANI (@ANI) September 8, 2025
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