मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में पिछले एक हफ्ते से चला आ रहा अपना अनशन खत्म कर दिया है। उन्होंने जूस पीकर अनशन समाप्ति का ऐलान किया। इस मौके पर जरांगे भावुक हो गए और कहा कि आज हमारे लिए दिवाली है क्योंकि हमें वो मिल गया जो हम चाहते थे। जूस पीते वक्त उनकी आंखों से आंसू निकल गए।
अनशन समाप्त करने से पहले फणनवीस सरकार ने उन्हें मनाने के लिए मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था। इस उप-समिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सरकार की ओर से जरांगे के सामने मांगे स्वीकार किए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे जरांगे ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा और प्रदर्शन समाप्ति का ऐलान करते हुए मराठा आंदोलनकारियों से अपने-अपने घर वापस लौटने की अपील की। मुंबई में हजारों आंदोलनकारी डटे हुए थे।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे पाटिल की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है। यह फैसला मुंबई के आजाद मैदान में चल रहे अनिश्चितकालीन अनशन के पांचवें दिन आया, जहां जरांगे और उनके हजारों समर्थक डटे हुए थे। सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी करने का वादा किया है, जिसमें मराठा समुदाय को कुनबी (OBC) जाति के रूप में मान्यता दी जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल 8 में से 6 मांगों पर सहमति बनी, जबकि बाकी पर आगे चर्चा होगी। सरकार ने कहा है कि मराठवाड़ा क्षेत्र के सभी मराठाओं को कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाएगी। पुराने दस्तावेजों (हैदराबाद गजेटियर) के आधार पर मराठा-कुनबी को एक ही जाति माना जाएगा, जिससे मराठाओं को OBC कोटे में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
इसके लिए मराठाओं को कुनबी प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। जस्टिस शिंदे समिति को इन दस्तावेजों की जांच के लिए 30 जून 2026 तक का समय दिया गया है। यही नहीं, मराठा परिवारों के सगे-संबंधियों को एक ही वंश के रूप में मान्यता दी जाएगी। यदि एक सदस्य को कुनबी प्रमाण-पत्र मिलता है, तो पूरे परिवार को OBC लाभ मिलेगा।
मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज आपराधिक मामलों को तुरंत वापस लिया जाएगा। आंदोलन में जान गवाने वाले 45 लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता और मानवीय आधार पर सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।
सरकार की ओर से मराठा समुदाय के लिए की गई इन रियायतों से जहां मनोज जरांगे खुश हैं, वहीं राज्य के ओबीसी समाज ने विरोध जताया है। उन्हें अपना आरक्षण घटने का डर सता रहा है। ओबीसी नेता छगन भुजबल ने इस फैसले के विरोध के संकेत दे दिए हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में अगर ओबीसी समाज भी विरोध में आंदोलन शुरू कर दे तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
#WATCH | Mumbai: Today is Diwali for us as we have got what we wanted, said Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil.
— ANI (@ANI) September 2, 2025
He broke down in tears as he accepted the Government Resolution (GR) given by the Maharashtra cabinet sub-committee on Maratha Reservation and broke… https://t.co/UnJNNJSQ1W pic.twitter.com/IAGha0Grj6
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