मुझे कोई पछतावा नहीं : ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से दूर रहने पर मनीष तिवारी
News Image

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को कहा कि उन्हें संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए पार्टी के वक्ताओं की सूची से बाहर रखे जाने का कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व ने शायद उन्हें अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार नहीं माना।

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में तिवारी ने कहा, कांग्रेस के पास लगभग 100 सांसद हैं और स्वाभाविक रूप से हममें से कई बोलना चाहते थे। मैं उनमें से एक था। हालांकि, पार्टी ने तय किया कि संसद में हमारी स्थिति को सबसे बेहतर तरीके से कौन रख सकता है। हो सकता है कि उन्हें लगा हो कि मैं अपना पक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रख पाऊंगा, लेकिन मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे कोई पछतावा नहीं है।

मैं 45 साल से कांग्रेस में हूं। मेरा पूरा जीवन कांग्रेस में बीता है। इसलिए वैचारिक रूप से, मेरा मानना ​​है कि कांग्रेस इस देश के लिए महत्वपूर्ण है। भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले इस महान संगठन को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण समर्पण और वैचारिक दृढ़ता वाले लोगों की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि मनीष तिवारी उन कांग्रेस नेताओं में से एक थे जिन्हें मोदी सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाबी ऑपरेशन सिंदूर के बारे में वैश्विक कूटनीतिक बातचीत के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चुना था।

हालांकि, कांग्रेस ने विदेशी प्रतिनिधिमंडलों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी को नामित नहीं किया था और न ही उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान हुई ऑपरेशन सिंदूर बहस में बोलने के लिए चुना गया था।

29 जुलाई को मनीष तिवारी ने एक पोस्ट करते हुए लिखा, प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं। भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। इसके तुरंत बाद उन्होंने एक और पोस्ट की, यदि आप मेरी खामोशियों को नहीं समझते हैं, तो आप मेरे शब्दों को कभी नहीं समझ पाएंगे।

21 जुलाई से 21 अगस्त तक चले मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा हुई। लोकसभा में 28-29 जुलाई को 18 घंटे 41 मिनट तक चर्चा हुई और 73 सदस्यों ने इसमें भाग लिया। राज्यसभा में 29-30 जुलाई तक चली बहस 16 घंटे 25 मिनट तक चली और इसमें 65 सदस्यों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च सदन में जवाब दिया।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

नीतीश राणा की तूफानी बल्लेबाजी से पलटा मैच, वेस्ट दिल्ली लायंस बनी DPL चैम्पियन

Story 1

रामायण फेम रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन, सितारों ने जताया शोक

Story 1

मैदान में मौत की दस्तक! बस्ती में कबड्डी खेल रहे बच्चों पर गिरी बिजली

Story 1

मेरा एडमिशन करा दीजिए : नन्हीं मायरा की गुहार सुन CM योगी ने दिया अफसरों को आदेश

Story 1

एशिया कप से पहले रिंकू सिंह का तूफान, क्या मिलेगी प्लेइंग 11 में जगह?

Story 1

ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के खिलाफ प्रदर्शन: क्या है मार्च फॉर ऑस्ट्रेलिया का सच?

Story 1

ड्रैगन और हाथी का मिलन ज़रूरी: मोदी-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात

Story 1

भाई इंग्लैंड का स्टार, कमाल जिम्बाब्वे के लिए!

Story 1

लालू से मिले अखिलेश यादव, कहा - अबकी बार बीजेपी बिहार से बाहर!

Story 1

बीपीएससी 71वीं प्रारंभिक परीक्षा स्थगित नहीं, आयोग ने अफवाहों को नकारा