गुजरात में मारुति सुजुकी के हंसलपुर प्लांट की एक हवाई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में छोटे-छोटे डॉट्स दिखाई दे रहे हैं, जो दरअसल कंपनी के स्टॉकयार्ड में खड़ी कारें हैं. यह प्लांट मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड अभियान की सफलता की कहानी कहता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हंसलपुर प्लांट से बैटरी से चलने वाली ई-विटारा कार को हरी झंडी दिखाई. उन्होंने कहा कि यह मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि देश में बने ई-वाहनों का निर्यात 100 देशों में किया जाएगा. उन्होंने लिथियम आयन बैटरी सेल्स के उत्पादन प्लांट का भी उद्घाटन किया.
जापानी कार कंपनी सुजुकी मोटर्स अगले 5-6 वर्षों में भारत में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. मारुति सुजुकी के इंडिया चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि इस निवेश से कंपनी की सालाना उत्पादन क्षमता को 40 लाख यूनिट तक पहुंचाया जाएगा. सुजुकी ग्रुप पहले ही एक लाख करोड़ रुपये भारत में निवेश कर चुका है, जिससे 11 लाख सीधी नौकरियां पैदा हुई हैं.
मारुति सुजुकी की स्थापना 1982 में हुई थी. कंपनी ने 2010-12 में भारत के कार बाजार में 50% से अधिक हिस्सेदारी हासिल की थी. मई 2025 में, कंपनी की घरेलू कार बाजार में लगभग 40% हिस्सेदारी थी.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट है, और मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी है. कंपनी के भारत में चार मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट हैं, जिनमें से सबसे बड़ा हरियाणा के खरखौदा में है. वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने 22 लाख से अधिक कारें बनाई थीं. कंपनी का लक्ष्य अब 40 लाख कारें प्रतिवर्ष बनाना है.
हंसलपुर प्लांट को 2012 में जमीन आवंटित की गई थी, जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. इस स्थान को रणनीतिक रूप से इसलिए चुना गया क्योंकि यह बंदरगाहों और निर्यात मार्गों के करीब है. 2014 में प्लांट का संचालन शुरू हुआ, और पहला मॉडल Baleno का उत्पादन हुआ. हंसलपुर प्लांट सालाना 2.5 लाख यूनिट की क्षमता के साथ शुरू हुआ था. अब इसकी क्षमता बढ़कर 7.5 लाख यूनिट प्रतिवर्ष हो चुकी है और इसे 10 लाख तक बढ़ाने की तैयारी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने हंसलपुर प्लांट में बनी भारत की पहली ग्लोबल इलेक्ट्रिक एसयूवी e-VITARA को लॉन्च किया है. उन्होंने इसे भारत को ग्रीन मोबिलिटी का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया है. उन्होंने TDS लिथियम-आयन बैटरी प्लांट का भी उद्घाटन किया. यह जापान की तीन कंपनियों- सुज़ुकी, टोशिबा और डेंसो का संयुक्त उपक्रम है. यह भारत की पहली कंपनी है, जिसने लिथियम आयन बैटरी सेल्स के लिए घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रोड लेवल उत्पादन क्षमता हासिल की है.
जो आपको दिख रहा है ये सिर्फ 2-3% है..
— NDTV India (@ndtvindia) August 26, 2025
गुजरात में मारुति सुज़ुकी के स्टॉकयार्ड का हवाई नज़ारा, जहां वार्षिक उत्पादन का केवल 2–3% हिस्सा दिख रहा है. यह प्लांट हर साल 7.5 लाख कारें बनाता है.#Gujarat #Maruti pic.twitter.com/ReYmOSO2cE
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