भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच एक सनसनीखेज दावा सामने आया है. जर्मन अखबार फ्रांकफुर्टर ऑलगेमाइन ज़िटुंग (F.A.Z.) के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
यह खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत को रूसी तेल खरीदने को लेकर सख्त चेतावनी दी है और भारतीय निर्यात पर 50% तक का टैरिफ लगाने की धमकी भी दी है.
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार अमेरिकी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है. खासकर अमेरिकी कृषि कारोबार को भारतीय बाजार में जगह देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का रुख सख्त है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी फिलहाल किसी भी जल्दबाजी या राजनीतिक स्टंट का हिस्सा बनने को तैयार नहीं हैं. अखबार ने वियतनाम के साथ व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप द्वारा की गई समय से पहले की घोषणा का हवाला दिया है.
ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद सीधे तौर पर यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रही है. अगर भारत अपना रुख नहीं बदलता है, तो अमेरिका 50% तक का टैरिफ लगा सकता है - 25% व्यापार असंतुलन पर और 25% रूस से तेल खरीदने पर.
यदि टैरिफ लागू होता है, तो भारत के निर्यात पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भारत का लगभग 20% निर्यात अमेरिका को जाता है. इस रिपोर्ट का अनुमान है कि इससे भारत की आर्थिक विकास दर 6.5% से घटकर 5.5% रह सकती है.
हालांकि, भारतीय जनता का रुख अब ट्रंप के खिलाफ होता दिख रहा है. जहां कुछ महीने पहले एक सर्वेक्षण में आधे भारतीयों ने उन पर भरोसा जताया था, वहीं अब सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना तेजी से बढ़ रही है.
भारतीय सोशल मीडिया पर गुस्से की एक वजह ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति झुकाव भी है. हाल ही में ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ व्हाइट हाउस में लंच किया था, जिसे भारत ने सकारात्मक संकेत नहीं माना. इसके अलावा, ट्रंप के इस बयान ने कि भारत भविष्य में पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है, लोगों को और भड़का दिया है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अब नए वैश्विक साझेदारों की ओर रुख कर रहे हैं. इसी सिलसिले में, वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं.
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक संस्थानों में अधिक प्रभाव हासिल करने से भारत और चीन के हित मिलते हैं और चीन की तकनीक और निवेश भारत के उद्योग जगत को मजबूत कर सकते हैं.
FAZ claims that Trump tried to call Modi four times in recent weeks but that Modi refused the calls. pic.twitter.com/ey4qq7qqWA
— Thorsten Benner (@thorstenbenner) August 25, 2025
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