बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक नए विवाद में फंसते नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
वीडियो में नीतीश कुमार बिहार सरकार के मंत्री मोहम्मद जमा खान को टोपी पहनाते हुए दिख रहे हैं.
आलोचकों का कहना है कि नीतीश कुमार ने खुद टोपी पहनने से इनकार कर दिया और वही टोपी जामा खान को पहना दी. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नीतीश ने टोपी पहनने से इनकार नहीं किया था, बल्कि वो पहले भी ऐसा करते रहे हैं. कार्यक्रम मदरसा बोर्ड की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था.
टोपी पहनने या ना पहनने का यह विवाद चुनाव में मुद्दा बन सकता है. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे किसी भी धर्म का सम्मान नहीं कर रहे. उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक मंच पर नीतीश कुमार का व्यवहार दूसरों को असहज कर रहा है.
बिहार की राजनीति में यह मुद्दा मुसलमानों को अपने पक्ष में करने वाला हो सकता है, जिनकी जनसंख्या बिहार की 10.4 करोड़ की आबादी में लगभग 18% है.
बिहार में मुसलमान आम तौर पर तीन खेमों में बंटे हुए हैं: राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), और कांग्रेस. 2020 के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने भी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, हालांकि उनके चार विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए थे.
नीतीश कुमार बार-बार यह याद दिलाते रहते हैं कि उनके राज में बिहार में कभी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ.
हालांकि, पिछले कुछ सालों में नीतीश कुमार को मुसलमानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, खासकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन तलाक बिल और वक्फ बिल को लेकर. इन बिलों का नीतीश कुमार की जदयू ने समर्थन किया था. मुसलमान नेताओं ने नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का विरोध तक कर दिया था.
साल 2020 के चुनाव में नीतीश की जेडीयू ने 11 मुसलमानों को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनमें से कोई भी जीत नहीं पाया था. इसलिए जब कैबिनेट बनी तो उसमें कोई मुसलमान चेहरा नहीं था. बाद में बसपा के टिकट पर जीते जमा खान को जेडीयू में शामिल कराकर उन्हें मंत्री बनाया गया था. आज जिनसे टोपी नहीं पहनने का आरोप नीतीश कुमार पर लगा है, वे जमा खान ही हैं.
साल 2020 का चुनाव पहला मौका था जब जेडीयू से कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं जीता था.
बिहार में मुस्लिम आबादी सीमांचल के इलाके में अधिक है, जिसमें चार जिले - कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशनगंज - शामिल हैं. राजधानी पटना और भागलपुर में भी मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है.
नीतीश कुमार के लिए टोपी का यह विवाद परेशानी पैदा कर सकता है.
*पटना : मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने टोपी पहनने से किया इनकार!#Patna | #NitishKumar | #Video pic.twitter.com/oYsMUrf31l
— NDTV India (@ndtvindia) August 21, 2025
राहुल गांधी का बीजेपी पर तीखा हमला: आप जिएं, मरें, तड़पते रहें, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता
सोनू सूद ने बदली दरभंगा के दो भाइयों की ज़िंदगी, अब पढ़ेंगे प्राइवेट स्कूल में!
बिच्छू को छेड़ना पड़ा महंगा, जीभ पर डंक मार जहरीले जीव ने चखाया मज़ा
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला: आरोपी 5 दिन की पुलिस रिमांड पर, अनसुलझे सवालों का जाल!
पीएम-सीएम बिल से डरे नायडू और नीतीश, संजय राउत का दावा!
मदरसा कार्यक्रम में नीतीश कुमार का टोपी पहनने से इनकार! सियासी भूचाल
गैरसैंण में बरसे बादल, छाता लेकर निकले CM धामी, खुद बनाई चाय!
गोवा के पर्यावरण मंत्री एलेक्सो सेक्वेरा का इस्तीफा, निजी कारण बताए
शेरनी का थप्पड़! बच्चे की शिकायत पर शेर को पड़ा जोरदार तमाचा, वीडियो वायरल
तेजस्वी का बड़ा दावा! नीतीश और चंद्रबाबू के लिए लाया गया काला कानून